धर्म कर्म: सदैव याद रखो कि यह मनुष्य शरीर किराए का मकान है और एक दिन सांसो की पूंजी समाप्त होने पर इसे खाली करना पड़ेगा। इसके बाद यह जीवात्मा कर्मों के अनुसार नर्कों, 84 में डाल दी जाएगी। इसलिए इसे मुक्ति-मोक्ष दिलाने के लिए वक्त के महात्मा, मुर्शिद-ए-कामिल से रास्ता (नामदान) लेकर 24 घंटे में से कुछ समय उस ईश्वर की सच्ची पूजा इबादत में लगाओ जिससे आप का लोक परलोक दोनों बन सके।

आपको मालूम होगा कार्यक्रम होने वाला है 29 तारीख को सतसंग और नामदान की तारीख मिल गई है आपको। कोशिश करो कि ज्यादा से ज्यादा लोग नामदान लेने के लिए आ जाएं। अब जितने लोग हैं, जिनको सत्संगी मानते हो, उन्हीं को आप फोन करके बता दो। आदमी-आदमी को, बच्ची-बच्चियों को जब भी सतसंग में आओ दो-चार लोगों को सतसंग में नामदान दिला दो। नामदान दिलाने का अच्छा अवसर है।

गोपी और ग्वालों की तरह सबको लाठी लगाना है
प्रेमियों 30 मार्च को कार्यक्रम हुआ करता था बराबर हुआ है। एक आध साल नहीं हो पाया है बाकी तो आप लोग करते ही रहे। 30 मार्च का कार्यक्रम, आपके जिम्मेदार प्रेमी लोग आए। मैंने पूछा कैसा कार्यक्रम कराना चाओगे? क्या योजना है आपकी? बोले हम बड़ा कार्यक्रम कराएंगे। हमने कहा बात तो ठीक है, भावना तो अच्छी है, विचार तो अच्छे हैं। बड़े लोग ही बड़ी चीज सोचते हैं, बड़े ही बड़ा काम कराते हैं। इसलिए बड़ी भावना तो होनी ही चाहिए लेकिन अकेला आदमी या दो चार आदमी बड़ा काम नहीं सोच सकते हैं। उनको सहयोग, मदद, सलाह की जरूरत होती है। हर जगह पर सहारे की जरूरत होती है इसलिए आप सबको लाठी लगाना चाहिए जैसे श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया था, गोपी ग्वालों ने उसमें लकड़ी लगा दिया था तो कृष्ण के साथ गोपी और ग्वालों की भी रास लीला रचाई जाती है, उनका भी नाम इतिहास में लिख गया है, उनको भी लोग याद करते हैं। प्रेमियों जो जिसके लायक हैं सबको सहयोग करना चाहिए।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *