धर्म-कर्म : समझो, स्वयं देखने सुनने वाला ही तो बता समझा दिखा और सुना सकता है तो देवी देवताओं के दर्शन जीते जी, मृत्यु के पहले करवाने वाले, दिव्य धुन अनहद बाजे सुनाने वाले, त्रिदेव के उपर के लोकों की सैर कराने वाले, राम चरित मानस का असली अर्थ समझाने वाले, मीरा बाई के समान अनमोल नाम रतन धन प्राप्त कराने वाले, अंतर की दिव्या रचना को इशारे में बताने और दिखाने वाले, इस समय के मसीहा, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, परम दयालु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज जी ने लखनऊ में बताया कि ब्रह्मा विष्णु महेश तीनों भाई की मां आद्या महाशक्ति महामाया है।
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जबकि इनके पिता को आप सन्तमत में काल भगवान और लोग ईश्वर खुदा कहते हैं, वो हैं। जिस लोक में जाते हैं उसी लोक जैसे दिखने लगते हैं। गोस्वामी जी ने भी राम चरित मानस में इसका वर्णन किया है। अंतर का खुराक मिलने पर बाहर के खुराक की भी जरूरत नहीं रहती है।