धर्म-कर्म: प्रभु कि सजह प्राप्ति का उपाय बताने वाले, प्रभु को जल्दी से पिघला कर अपना बनाने की युक्ति बताने वाले, पूरे समरथ सन्त सतगुरु उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने अपने संदेश में बताया कि प्रार्थना करना बहुत जरूरी होता है। प्रार्थना से ही वह मालिक रीझता है।

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महाराज जी कहते हैं की, ऐसी विरह की प्रार्थना बोलनी चाहिए कि आंख से आंसू निकल आवे तब आंसू वह बर्दाश्त नहीं करेगा फिर तो दया करेगा ही करेगा। भगवान अगर मिलेगा तो जीते जी मनुष्य शरीर में मिलेगा। मरने के बाद नहीं। देवी-देवताओं की मूर्तियां का वर्णन किसने किया? जिसने उनको देखा, जब सन्तों ने वर्णन किया तब लोगों ने लिख दिया। तो इसी मनुष्य शरीर में प्रभु मिलता और दिखाई पड़ता है। असली चीज पकड़ो, नकली में मत फसो।

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