लखनऊ। उन्नाव कांड की तीसरी किशोरी कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है। उसने मंगलवार को अपना मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज करवाया। किशोरी के मुताबिक, वह बुआ और चचेरी बहन के साथ चारा काटने गई थी। तीनों कुरकुरे का पैकेट लेकर खेत पर गई थीं।चारा काटने के बाद वे बैठकर कुरकुरे खा रही थीं। तभी लंबू (हत्यारोपी विनय) और सचिन भी कुरकुरे और पानी लेकर वहां पहुंच गए। कुरकुरे खाने के दौरान तीखा लगने पर विनय ने पानी की बोतल दे दी। लेकिन पहले वह पी पाती उससे पहले बुआ और चचेरी बहन ने छीन लिया और पानी पी लिया। थोड़ा बचा पानी उसने पिया। इसके बाद तीनों छटपटाने लगी। मजिस्ट्रेटी बयान में किशोरी ने उस दिन हुई घटना की एक-एक बात बताई। इतना ही नहीं मामले में जेल भेजे गए आरोपियों के बयान भी किशोरी के बयान से मिल रहे हैं।

पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि वारदात की शाम जब विनय और सचिन उनके पास पहुंचे तो काफी शांत थे। पानी में जहर होगा इस बात का अंदजा ही नहीं लगा। पानी पीने के कुछ ही मिनटों में दम घुटने लगा और मुंह से झाग निकलने लगा। इसके बाद दोनों मौके से फरार हो गए। किशोरी ने बताया कि विनय उससे दोस्ती करना चाहता था, लेकिन उसने इनकार कर दिया तो वह दबाव बनाने लगा। फिर भी न मानने पर उसने वारदात को अंजाम दिया। यही बात आरोपियों ने भी बताई थी।

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एफएसएल रिपोर्ट में रंगहीन व गंधहीन जहर की पुष्टि
असहा कांड में दो किशोरियों की मौत के बाद लखनऊ लखनऊ एफएसएल लैब में हुई जांच में इस बात की पुष्टि हुई है कि जो जहर किशोरियों को दिया गया था। वह रंगहीन व गंधहीन था। एसपी के अनुसार इस जहर से न पानी का रंग बदलता है और न ही बदबू आती है। यह जहर गेहूं के फसल में खरपतवार नष्ट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।https://gknewslive.com

 

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