धर्म-कर्म : संतमत से जुड़कर भी फायदा न उठाने का कारण स्पष्ट रूप से बता कर सुधार का मौक़ा देने वाले, जयगुरुदेव नाम के दुरुपयोग से सावधान करने वाले, कलयुग को परस्त करने का शस्त्र देने वाले, इस समय के महापुरुष, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने संदेश में बताया कि एक राजा के दरवाजे भीख मांगना कोई मामूली बात नहीं। लेकिन जिन्होंने अपना आपा खो दिया, अपने को भूल गए, मैं क्या हूं, वही सफल हुए। जो यह सोचते हैं हम अधिकारी, बड़े आदमी, हम कार में चलते हैं, जयगुरुदेव कैसे बोलें? लोग कहेंगे कि ये जयगुरुदेव वालों के साथ हैं, जयगुरुदेव वाले तो गांव के लोग होते हैं, छोटे-छोटे लोग होते हैं, हम तो बड़े आदमी हैं, हम कैसे गुलाबी कपड़ा पहनें? कैसे हम टोपी लगावें, कैसे हम प्रचार करें? तो ऐसे लोग कामयाब नहीं होते हैं। उनका (जीवन का अनमोल) समय अन्य गृहस्थ की तरह ही निकल जाता है।

जयगुरुदेव नाम कलियुग को परास्त करेगा:-

महाराज जी ने बताया कि आप सब लोगों को जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बराबर बोलते रहना है। यह जयगुरुदेव नाम शस्त्र का काम करेगा, कलयुग को परास्त करेगा, सतयुग को लाने की जगह बनेगी। सतयुग विचार लाएगा जब लोगों के कर्म कटेंगे तब। इसलिए जयगुरुदेव नाम सब जगह जितने भी प्रेमी हो, वक्ता हो, लोगों को बताते रहो। नामदान समझाते समय भी जयगुरुदेव नाम की ध्वनी के बारे में सबको बता दो। जयगुरुदेव नाम की ध्वनी बराबर बोलते रहे, उठते-बैठते, सुबह-शाम, भोजन खाने से पहले, भोजन बनाने के बाद, जयगुरुदेव नाम की ध्वनी बोल करके फिर भोजन परोसना, खिलाना शुरू कर दो तो बोलो जयगुरुदेव।

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