धर्म-कर्म : निजधामवासी बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, केवल बातों से नहीं बल्कि ठोस योजना बना कर आगे बढ़ने वाले और बढ़ने का सन्देश देने वाले, प्रेम देशभक्ति और जनसेवा को बढ़ावा देने वाले, वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, लोकतंत्र सेनानी, उज्जैन वाले बाबा उमाकांत जी महाराज ने बताया कि मैं यह नहीं कहता हूं कि आप जाति धर्म छोड़ दो या अपना विचार भावना पूजा, जिस ग्रंथ के पाठ इबादत में लगे हुऐ हो, उसको छोड़ दो। लेकिन इसके साथ ही जैसे आप अपने लिए, अपने व्यापार, बच्चों परिवार, रिश्तेदार के लिए समय निकालते हैं आप उसी तरह से जनहित जीवहित के काम में, परोपकार के लिए, सुधार के लिए, लोगों की मदद के लिए समय निकालने की जरूरत है।
फौज के सिपाही हर परिस्थिति का मुकाबला कर चुके हैं और गांव में काम कर सकते हैं:-
महाराज जी ने कहा कि, देखिए यहां फौज के सिपाही, अधिकारी बैठे हैं। ये हर परिस्थितियों का मुकाबला कर चुके, उसमें रह चुके हैं। ये जितना दूरगामी काम कर सकते हैं, उतना साधारण आदमी नहीं कर सकते। लेकिन जब यह सोचेंगे कि हमको कुछ करना है, जितनी भी सरकार की, हमारी और आपकी अच्छी योजनाएं बनेंगी, इनको यह जरुरत वाली जगहों पर पहुंचा देंगे तब उनके शरीर और आत्मा को सुख प्राप्त हो जाएगा।