लखनऊ। यूपी सरकार जहां जरूरतमंद पात्र के लिए जन कल्याणकारी योजनाओं को संचालित कर लाभांवित करने का दावा कर रही है। वहीं जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से सैकड़ों विधवा, वृद्धा, विकलांग लोग पेंशन के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। बता दें कि कल्याणकारी योजनाओं में स्वीकृति के बाद भी महराजगंज जिले में 24 हजार बुजुर्ग वृद्धा पेंशन से वंचित हैं। आए दिन ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। पेंशन की धनराशि कब मिलेगी इसका सटीक जवाब विभाग के पास भी नहीं है।

वरिष्ठ नागरिकों को ₹500 प्रतिमाह मिलता है पेंशन
प्रदेश सरकार द्वारा संचालित वरिष्ठ नागरिकों के विकास के लिए वृद्धा पेंशन योजना है। जिसमें 60 वर्ष से उपर के पात्र गरीब निराश्रित व असहाय को पांच-पांच सौ रूपये प्रति माह के हिसाब से तीन-तीन माह पर उनके खाते में भेजा जाता है। ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके और उन्हें दूसरों पर निर्भर रहने की आवश्यकता न पड़े। बता दें महराजगंज में कुल 110200 वृद्धावस्था पेंशनर हैं। लेकिन सिर्फ 86 हजार लाभार्थियों के खाते में धनराशि पहुंची है। अभी 24 हजार बुजुर्ग स्वीकृति के बाद भी पेंशन से वंचित हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से विधवा, वृद्धा, विकलांग, जो पेंशन के लाभार्थी हैं वो भटक रहे हैं। पनियरा ब्लाक के ग्राम सभा बेलटिकरा टोला डीहवा के केदारनाथ ने बताया कि उनकी उम्र लगभग 85 साल है। उनको एक साल पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन किए हुए हो गए। लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अधिकारियों से पूछने पर बताया जाता है कि प्रधान जाने ऐसे में उसे पेंशन कैसे मिलेगा भगवान ही मालिक है।

गांव की निवासी सुमित्रा देवी ने बताया कि उसे पेंशन नहीं मिलता है। जबकि उसके पति की मृत्यु हुए लगभग 10 साल हो गए। वो पेंशन के लिए कई बार ऑनलाइन आवेदन करा चुकी हैं। मूर्ति देवी ने बताया कि उसे दो-चार बार पेंशन मिला, उसके बाद से पेंशन बंद हो गया। तब से आज तक उसे पेंशन नहीं मिला. पेंशन के लिए कई बार ऑनलाइन आवेदन करा चुकी हैं। इसके बाद भी उन्हें पेंशन नहीं मिल रहा है।
राजुला देवी ने बताया कि इस उम्र में उन्हें खुद नहीं पता कि उनकी उम्र कितनी हो गई है. उन्हें भी पेंशन नहीं मिलता है। चुनाव जीतने के बाद लोग अपने किए गए वादे को भूल जाते हैं। उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

नगर पंचायत पनियरा की कैलाशी देवी ने बताया कि उन्हें भी पेंशन नहीं मिलता है। उनका कोई सुनने वाला भी नहीं है। इस बुढ़ापे में किसी तरह से मजदूरी कर और पड़ोसियों के रहमो-करम पर उनका जीवन यापन हो रहा है। पेंशन के लिए 7 बार से अधिक आवेदन किए हुए हो गए लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

‘धन मिलने पर लाभार्थियों के खाते में भेजी जाएगी धनराशि’
समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि 86000 लाभार्थियों के खाते में जनवरी तक की धनराशि पहुंच गई है। अन्य लाभार्थियों के पेंशन की धनराशि बजट की उपलब्धता के अनुसार शासन द्वारा उनके खाते में सीधे भेजी जाएगी।

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