लखनऊ: लोकायुक्त संगठन की संस्तुति पर अंबेडकरनगर के मदरसा की मान्यता शासन ने समाप्त कर दी है। जांच में दोषी पाए गए ज्येष्ठ वक्फ अधिकारी (अब सेवानिवृत्त) जगराम भारती को वृहद दंड देते हुए उनकी दो वेतन वृद्धि रोक दी गई और उनको परिनिंदा प्रविष्टि दी गई है। वहीं, जांच के दायरे में आए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शफीक अहमद के खिलाफ विभागीय जांच में आरोप सही नहीं पाए गए, जिसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही को समाप्त कर दिया गया है।

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विधानसभा के पटल पर बुधवार को लोकायुक्त संगठन की रिपोर्ट रखी गई। इसमें अंबेडकरनगर निवासी डॉ. मोहम्मद अनीस सिद्दीकी द्वारा 2014 में लोकायुक्त संगठन में दाखिल किए गए एक ही स्थान पर दो मदरसे संचालित होने संबंधी परिवाद की जांच रिपोर्ट शामिल है। इस प्रकरण की जांच में लोकायुक्त संगठन ने पाया था कि तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शफीक अहमद (अब सेवानिवृत्त) और ज्येष्ठ वक्फ निरीक्षक जगराम भारती ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दो मदरसों (मदरसा शेख बसालत पब्लिक स्कूल और मदरसा इस्लामिया) को मान्यता प्रदान की। साथ ही 93 छात्रों को दी गई छात्रवृत्ति का गबन किया। लोकायुक्त ने इसका मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति करने के साथ दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने को कहा था। जांच रिपोर्ट की संस्तुति पर संस्था के प्रबंधक के खिलाफ अंबेडकरनगर के आलापुर थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया जा चुका है।

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