अंबेडकर नगर: प्रदेश में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए जहाँ योगी सरकार लगातार प्रयासरत है वही जिले के कुछ शिक्षा माफियों के आगे जिला अधिकारी नतमस्त है। जिले में नई शिक्षा नीति और शिक्षा के मानकों को ठेंगा दिखा रहे हैं शिक्षा माफिया, जहाँ एक ओर उत्तर प्रदेश योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने में लगी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ शिक्षा माफिया, शिक्षा अधिकारियों की रहमों करम पर मनमानी तरीके से काम कर रहे हैं।

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जिले में इस तरह के कई विद्यालय शिक्षा विभाग के रहमो करम पर संचालित हो रहे हैं। शिक्षा विभाग की अनदेखी के चलते क्षेत्र में बिना विभागीय मान्यता के कई निजी स्कूल संचालित हो रहे हैं। जिसमें से (बी.एल.वाई इंटर कॉलेज गोहन्ना दोस्तपुर रोड) पर स्थित विद्यालय शिक्षा नीतियों को अपने बूट के नीचे से रौंदता दिखाई दे रहा है। हाईस्कूल तक इस विद्यालय को चलाने की मान्यता प्राप्त है। मगर विद्यालय प्रशासन 12 तक विद्यालय को अपनी हनक से चला रहा है। राज्य सरकार के सख्त आदेशों के बावजूद एक मान्यता से अलग-अलग स्थानों पर तीन-तीन स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। कई स्कूलों को तो बिना भवन के छप्पर में ही संचालन के लिए मान्यता पकड़ा दी गई। इस तरह के प्रकरणों ने शिक्षा विभाग की कार्यशैली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।

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नया शिक्षा सत्र शुरू होने के साथ ही कस्बे सहित कई इलाकों में ग्रामीणों को बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला दिलाते समय बी.एल.वाई इंटर कॉलेज की तरह कई बिना मान्यता वाले स्कूलों की लूटमार का शिकार होना पड़ा रहा है। ऐसे में स्कूलों में आठवीं से 10वीं तक के मान्यता प्राप्त इस विद्यालय में 12वीं के बच्चों को गुमराह कर दाखिला देकर मोटी रकम ऐंठी जा रही है। राइट टू एजूकेशन की पालन के निर्देश दिए थे, लेकिन सत्र 2023 की शुरूआत में ही निर्देशों की धज्जियां उड़ाने में स्कूल संचालक बाज नहीं रहे हैं। कई छात्रों ने दबे मुंह बताया कि छात्र छात्राओं को अध्ययन प्रमाण पत्र एवं टीसी लेने के लिए भी परेशानी झेलनी पड़ती है।

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