लखनऊ: डीजीपी विजय कुमार ने मातहतों को निर्देश दिया है कि सेक्स वर्करों के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक वेश्यालय में छापा मारने के दौरान पुलिस सेक्स वर्कर को गिरफ्तार नहीं करेगी, पहचान उजागर नहीं करेगी !
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दरअसल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन सदस्य पीठ ने बीते दिनों सेक्स वर्करों को लेकर अहम फैसला दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सेक्स वर्कर भी कानून के समक्ष सम्मान व बराबरी के हकदार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनके अधिकारों की रक्षा के लिए 6 सूत्री दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं :
1) पुलिस सहमत से यह कार्य करने वाले सेक्स वर्कों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
2) शिकायत दर्ज करने वाली सेक्स वर्कों के साथ पुलिस भेदभाव नहीं करेगी।
3) यौन शोषण की शिकार सेक्स वर्कर को चिकित्सा और कानूनी मदद मुहैया करानी होगी।
4) सेक्स वर्कर वयस्क है और अपनी सहमत से इस पेशे में है तो पुलिस हस्तक्षेप या कार्रवाई नहीं करेगी।
5) वैश्यालयों पर छापा मारते वक्त उनका उत्पीड़न नहीं होना चाहिए।
6) सेक्स वर्कर के बच्चे को सिर्फ इस आधार पर मां से अलग नहीं किया जाना चाहिए।