लखनऊ: संसद के विशेष सत्र में आज जहाँ महिला आरक्षण बिल चर्चा होगी वहीँ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ लगातार महिला सुरक्षा और समानता को लेकर हुंकार भरते हैं। हालांकि प्रदेश में इसको लेकर कुछ जमीनी हकीकत अलग ही है | जैसा ही मामला आज राजधानी के RML लॉ यूनिवर्सिटी में देखने को मिला | बता दें कि प्रदेश में सुरक्षा, समानता और अधिकार की कोरी बातों के बीच लखनऊ में जमीनी हकीकत कुछ और है।

आपको बता दें कि इस संस्थान में फ्रेशर्स पार्टी के दौरान मंच से छात्राओं की बॉडी, रिलेशन और प्राइवेट पॉर्ट तक की बात की गई। और डॉ. राम मनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी प्रशासन इस बेशर्म हरकत को डेढ़ महीने से दबाता रहा। वहीँ, कुलपति ने कहा- मुझे 16 सितंबर को जानकारी मिली। जबकि घटना अगस्त के पहले सप्ताह की है |

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दरअसल, देश की टॉप क्लास लॉ यूनिवर्सिटी की पहचान रखने वाले इस संस्थान में फ्रेशर्स पार्टी हुई। जिसमें एक छात्र ने मंच से डबल मीनिंग लैंग्वेज में स्पीच दी। उसने कई छात्राओं का नाम लेकर उनके चेहरे, बॉडी, पर्सनल रिलेशन और प्राइवेट पार्ट्स तक पर कमेंट किया। इस दौरान वहां शायद ही कोई ऐसी छात्रा हो जिस पर उसने अभद्र और आपत्तिजनक भाषा न बोली हो।

छात्राओं की दलील हैं कि इवेंट के दौरान ही उन्होंने इसका विरोध किया, लेकिन सीनियर होने के कारण तब तक आरोपी के पक्ष में कई लोग आ चुके थे। हालांकि स्टूडेंट्स लगातार हॉस्टल वार्डन, फैकल्टी मेंबर्स और प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों से गुहार लगाते रहे।

आज से 12 मेंबर की ICC कमेटी जांच करेगी…

मामला तूल पकड़ता देख लॉ यूनिवर्सिटी प्रशासन ने BBAU की सीनियर फैकल्टी डॉ. सुदर्शन वर्मा की अगुवाई में पहले से बनी ICC कमेटी को भंग करते हुए नई 12 सदस्यीय ICC कमेटी का गठन कर दिया। मंगलवार को ही नई समिति के गठन का आदेश कुलपति की तरफ से जारी कर दिया गया। अब मामले की जांच नई कमेटी को सौंपी गई है। आज यानी बुधवार से कमेटी जांच करेगी।

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