धर्म कर्म: देश विदेश में शाकाहार सदाचार और जीव दया की शिक्षा देने वाले उज्जैन के पूज्य संत बाबा उमाकांत जी महाराज ने विश्व शाकाहार दिवस पर राजस्थान अलवर के इन्चीटेशन गार्डन में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें कल शाम 6 बजे बाबा उमाकांत जी महाराज ने अपने भक्तों को सत्संग व नाम दान दिया। वंही 1अक्टूबर (आज) सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें उमाकांतजी द्वारा लोगों को समान्नित किया गया. यह पूरा कार्यक्रम बाबा जयगुरुदेव संगत, व अलवर संबद्ध बाबा जयगुरुदेव धर्म विकास संस्था द्वारा कराया गया। अपने सत्संग में देश दुनिया के जनमानस से मांसाहार का त्याग कर शाकाहारी जीवन जीने की प्रार्थना करते हुए, बाबा जी ने शाकाहारी लोगों से आह्वान किया की आप लोग ना केवल लोगों को समझाओ बल्कि गर्व के साथ कहो कि हम शाकाहारी है. स्वयं को शाकाहारी बताने में संकोच ना करें, साथ ही साथ लोगों को शाकाहारी होने के गुण भी बताएं। शाकाहारी दिवस पर बाबा उमाकान्त जी महाराज ने कहा- शाकाहारी भोजन दीर्घायु जीवन जीने का मूल मंत्र है।

महाराज जी युवाओं को बना रहे चरित्रवान

बाबा उमाकांतजी महाराज आजकल की युवा पीढ़ी को चरित्रवान, सेवाभावी, शाकाहारी, नशामुक्त व देशभक्त बनाकर उनमें आध्यात्मिक ज्ञान भरने का कार्य कर रहे हैं। बाबा उमाकान्त जी महाराज इस समय के ऐसे समर्थ सतगुरु हैं जिनके दर्शन करने व सतसंग में बताये रास्ते पर चलने से दुःख तकलीफों में आराम मिलने लगता है। अतः आपसे सादर प्रार्थना है कि बाबा जी से आदिकाल से चले आ रहे पांच नामों का भेद लेकर अपना लोक परलोक सुधार कर जीवन सफल बना लीजिए।

बंद नहीं हुआ मांसाहार तो लग जाएगा जानलेवा बीमारियों का अंबार

बाबा उमाकांत जी महाराज ने देश विदेश के समस्त शाकाहारी जनमानस से अपील किया कि आज के दिन आप लोग यह संकल्प बनाओ कि हम शाकाहार का प्रचार करेंगे लोगों को शाकाहारी बनाएंगे बाबा उमाकांत जी ने यह भी बताया कि अगर लोगों ने जीव हत्या बंद कर शाकाहार का रास्ता नहीं अपनाया तो आगे मांसाहार के कारण ऐसे ऐसे भयानक रोग और बीमारियां आएंगी जो कंट्रोल के बाहर हो जाएंगी जिस कारण लोग तबाह हो जाएंगे और 1 मिनट में वह खुदा या भगवान याद आ जाएगा, जिसे लोग भूल गए हैं इसलिए आज के इस विश्व शाकाहार दिवस पर हाथ जोड़कर विनय हमारी हो जाओ सब शाकाहारी।

बाबा उमाकान्त जी महाराज के जनहितकारी एवं जीवहितकारी वचन –

+ यह मनुष्य शरीर जीते-जी प्रभु दर्शन के लिए मिला है। समर्थ गुरु को खोजो, नाम की कमाई करके आत्मा का कल्याण कर लो।
+ मृतक शरीर की मुक्ति तो श्मशान घाट पर हो जाती है परन्तु आत्मा की नहीं इसलिए जन्म-मरण की पीड़ा, नर्क – चौरासी के कष्ट से बचने के लिए वक्त के समर्थ सतगुरु के पास पहुँचकर आदिकाल का पाँच नाम लेकर प्रार्थना, सुमिरन, ध्यान, भजन करके आत्मा की मुक्ति करानी चाहिए।
+ मनुष्य शरीर मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे की तरह से है। मुर्दा-मांस अंदर डालकर इसे गंदा मत करो।
+ पापी मन व पापी शरीर से की गई पूजा-उपासना, इबादत कभी स्वीकार नहीं होगी, इसलिए जिस्म को गुनहगार मत बनाओ ।
+ सच्चे सन्त के दर्शन, सतसंग और आशीर्वाद से नहीं बनने वाले काम भी बन जाते हैं।
+ पहले के समय में महात्माओं के मार्गदर्शन से लोगों में इतना आत्मबल, आत्मशक्ति थी कि जिस चीज की इच्छा करते वो पूरी हो जाती थी वह आज भी संभव है ।
+ विवेकशील बुद्धिजीवियों को भारत के आध्यात्मवाद की गरिमा जगाते रहना चाहिए। + जीव हत्या करके पैसा कमाने वाला कोई भी देश कभी भी तरक्की नहीं कर सकता है।
+ अब ऐसा समय आ गया है कि आप सब लोग शाकाहारी, चरित्रवान, नशे से मुक्त, देशप्रेमी, धर्मप्रेमी बनकर कुदरती कहर का मुकाबला करो, नहीं तो अस्तित्व ही मिट जाएगा ।
+ आगे ऐसी परिस्थिति पैदा हो जाएगी कि लोग मांस, मछली, अंडा और नशे की चीजों को मजबूरन छोड़ेंगे। + ध्यान दें ! बच्चे और बच्चियों के चरित्र का गिरना भारत जैसे धार्मिक देश के लिए खतरनाक होगा।
+ मेहनत इमानदारी की कमाई करो। दिल दुखाकर लाया हुआ, बिना मेहनत का पैसा फलता-फूलता नहीं बल्कि तकलीफ देता है ।
+ आजमाइश करके देख लो, जयगुरुदेव नाम प्रभु का ही है। जब मुसीबत में आदमी, देवी-देवता, फरिश्ते मददगार नहीं होंगे तब यह जयगुरुदेव नाम शाकाहारी, चरित्रवान, नशामुक्त लोगों के लिए मददगार होगा।
” जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जय जयगुरुदेव ” नाम की ध्वनि रोज एक घंटा लगातार बोलने से तकलीफों में आराम मिलने लगता है।

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