यूपी: देश में आगामी होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बिहार सरकार ने जाति जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए हैं, तब से सियासी गलियारों में भूचाल सा मच गया है. कुछ दल के नेताओं ने आंकड़े जारी करने पर बिहार सरकार की तारीफ की तो कुछ ने इसी गलत बताया. बिहार में जाति जनगणना के आंकड़े आने के बाद उत्तर प्रदेश में जाति जनगणना की मांग तेज हो गई है. विपक्ष के कई नेताओं ने जातीय जनगणना की मांग तेज की है. बता दें कि समाजवादी पार्टी,कांग्रेस के साथ- साथ बसपा ने भी जातीय जनगणना की मांग तेज की है.

तो वहीं, अब यूपी से बसपा की प्रमुख मायावती ने ट्वीट कर कहा कि बिहार सरकार द्वारा कराए गए जातीय जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक होने की खबरें सुर्खियों में है तथा उस पर गहन चर्चाएं जारी हैं. कुछ पार्टियां इससे असहज जरूर हैं किन्तु बसपा के लिए ओबीसी के संवैधानिक हक के लम्बे संघर्ष की यह पहली सीढ़ी है.

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उन्होंने कहा कि बसपा को प्रसन्नता है कि देश की राजनीति उपेक्षित ‘बहुजन समाज’ के पक्ष में इस कारण नई करवट ले रही है जिसका नतीजा है कि एससी-एसटी आरक्षण को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाने तथा घोर ओबीसी व मण्डल विरोधी जातिवादी एवं सांप्रदायिक दल भी अपने भविष्य के प्रति चिंतित नजर आने लगे हैं तो यूपी सरकार को अब अपनी नीयत व नीति में जन भावना व जन अपेक्षा के अनुसार सुधार करके जातीय जनगणना एवं सर्वे अविलम्ब शुरू करा देना चाहिए।

इसका सही समाधान तभी होगा जब केन्द्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर जातीय जनगणना कराकर उन्हें उनका वाजिब हक देना सुनिश्चित करेगी।

 

 

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