लखनऊ। छोटे बच्चों के स्कूल खोले जाने के राज्य सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मामले के पूरे रिकॉर्ड के साथ पेश करने का आदेश दिया है। याचिका में कहा गया है कि कोविड का खतरा पूरी तरह से खत्म न होने के बावजूद छोटे बच्चों के स्कूल को खोलने का आदेश देना उचित नहीं है। प्रदेश सरकार के आदेश के बाद छोटे बच्चों का भी अब स्कूल खुल गया है। बच्चे स्कूल जाने भी लगे हैं। हालांकि अभी कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। वहीं राज्य सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका कोर्ट में दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए लखनऊ बेंच ने पूरे रिकॉर्ड के साथ पेश करने का आदेश दिया है।

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प्रदेश सरकार के फैसले को चुनौती
यह आदेश न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने स्थानीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव की जनहित याचिका पर पारित किया। मामले की पिछली सुनवाई पर न्यायालय ने याचिका पर 10 दिनों में सरकार से निर्देश प्राप्त कर पक्ष रखने का आदेश राज्य सरकार के अधिवक्ता को दिया था। याचिका में सरकार के 5 व 6 फरवरी के दो आदेशों को चुनौती दी गई है। उक्त आदेशों में सभी स्कूलों को खोलने की बात कही गई है। याची की दलील है कि छोटे बच्चों को कोविड से बचाव के नियमों का पालन करने की उपेक्षा करना ठीक नहीं है। कहा गया कि सरकार के आदेशों में यह भी नहीं है कि यदि कोविड से बचाव के तरीके नहीं अपनाए तो स्कूल के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। याचिका में मांग की गई है कि समुचित इंतजामों व चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह लिए बगैर बच्चों के आठवीं तक के स्कूल न खोले जाएं।https://gknewslive.com

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