धर्म कर्म: इशारों में गहरी बात बता देने वाले, आगामी भारी नुकसान से सबको चेताने वाले, सबके हितैषी, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने उज्जैन (मध्य प्रदेश) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि देखो, पेट भरने पर कुत्ता और नहीं खाता। लेकिन आदमी का पेट भरा हो, कोई बढ़िया चीज आ गई तो ये नहीं देखता है कि पेट भरा है, ये नही सोचता कि खाएंगे तो नुकसान हो जाएगा और खाता दबाता चला जाता है। लेकिन कुत्ता सयंम और नियम का पालन करता है। कोई भी चीज पड़ी हो पहले सूँघेगा, जब भूख लगेगी, तभी खाएगा। जब उसको यह लगेगा कि भूख लगने पर हमको खोजना पड़ेगा, दरवाजे-दरवाजे पर जाना पड़ेगा, डांट खानी पड़ेगी तो उस खाने की चीज को उठा करके कहीं दूसरी जगह रख देगा, लेकिन खायेगा तभी जब भूख लगेगी। लेकिन आदमी को संतोष नहीं है। जो पैदा होने के पहले मां के स्तन में दूध भर देता है, परवरिश वह करता, देता खिलाता वह है, उस पर विश्वास नहीं करता। अजगर करे न चाकरी पंछी करे न काम, दास मलूका कह गए सबके दाता राम।

कुदरत के बनाये नियम पर नहीं चलोगे तो सजा देगी

देने वाला तो वह प्रभु है। लेकिन उस पर से आदमी को विश्वास हट गया। सोच लेता है कि खा ले, कल मिले या न मिले। बुद्धि ऐसी हो गई। जानवर नियम का पालन करते हैं। भूख लगे तब खाओ। कुत्तें 12 महीने में केवल कुंवार के महीने में पगलाते हैं, इधर-उधर घूमते हैं। और आदमी को देखो, हमेशा पागलपन सवार है। कुदरत प्रकृति के नियम का पालन जानवर करते हैं, आदमी नहीं करता। जब कुदरत के नियम का पालन नहीं करोगे तो कुदरत सजा देगी। वो तो सजा देने के लिए तैयार है। इंसान इस वक्त बारूद के ढेर पर खड़ा हुआ है, कभी भी आग लग जाए, खत्म हो जाए।

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *