लखनऊ। अमरोहा जिले के गजरौला में बने नाईपुरा खादर के उच्च प्राथमिक विद्यालय में जिन छात्रों के हाथ में पुस्तकें और कलम होनी चाहिए। उन मासूमों के हाथों में जूठे बर्तन थमा दिया जाना शिक्षा का मखौल उड़ाना नहीं तो और क्या है? ईटीवी भारत की टीम जब नाईपुरा खादर के प्राथमिक विद्यालय पहुंची तो उस समय लंच लगभग खत्म हो गया था। स्कूल में घुसते ही सामने नल पर कुछ छात्राएं बर्तन साफ करती दिखीं। इन बर्तनों में छात्रों के लिए मिड-डे मील का भोजन आया था।

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ईटीवी भारत से बातचीत में कुछ छात्र-छात्राओं ने बताया कि बर्तन धोना स्कूल के रूटीन का ही हिस्सा है। इस बारे में जब प्रिंसिपल से पूछा गया तो उनका कहना था कि स्कूल में सफाई कर्मी नहीं है। इस वजह से छात्राएं खुद बर्तन धोने लगीं। उन्हें इसके लिए कहा नहीं गया था। इसके बाद जब प्रिंसिपल से नाम पूछा गया, तो उन्होंने अपना नाम बताने से साफ इनकार कर दिया।https://gknewslive.com

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