धर्म कर्म: आध्यात्मिक दौलत कमाने और जीवात्मा को मुक्ति मोक्ष दिलाने का रास्ता नामदान देने के एकमात्र अधिकारी, वक़्त के पूरे समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज जी ने उज्जैन में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि लोगों को मनुष्य शरीर के बारे में बताने की जरूरत है। ये फिर नहीं मिलेगा। ये खाने-पीने, मौज-मस्ती के लिए नहीं मिला। यही काम तो पशु-पक्षी भी करते हैं। खाकर के, बच्चा पैदा करके दुनिया से चले जाते हैं। मनुष्य तो आता है कि कुछ दूसरों के लिए, अपनी आत्मा के उद्धार के लिए कर ले, फिर दोबारा इस मृत्यु लोक में, दु:ख के संसार में जीने और मरने के लिए न आवे।

नामदान लेकर साधना करके अपनी आत्मा को अमरलोक पहुंचा दो

देव दुर्लभ मनुष्य शरीर, जिसके लिए देवता 24 घंटा तरसते रहते हैं, ऐसा अनमोल शरीर पा करके अब जन्मना और मरना क्यों? अब तो मौका मिला है। बहुत से लोगों को नाम दान मिल गया, रास्ता मिल गया। यह सीधे रास्ता वहीं जाता है जहां से जन्मना और मरना नहीं होता है। वहां पहुंचने के बाद जीव अमर हो जाता है, इस मृत्यु लोक में नहीं आता है।

मृत्यु लोक किसको कहते हैं

मृत्युलोक वो जहां जन्मना और मरना पड़ता है। वह अविनाशी लोक, जो कभी खत्म नहीं होता है, वह पुरुष जो अविनाशी कहा गया, किसी ने अकाल पुरुष कहा, किसी ने राधास्वामी कहा, हम जयगुरुदेव उनको कहते हैं, तो उस धाम ये जीवात्मा पहुंच जाती है। सीधा रास्ता मिल गया है। सीधा लगा हुआ है। कहीं इधर-उधर घूमने की जरूरत नहीं है। कहीं बाधा भी बीच में रास्ते में मिल जाय तो उसके लिए गुरु महाराज मिल जाते हैं तो रास्ता और आराम से कट जाता है। जब आप लोग बताया गया भजन, ध्यान, सुमिरन करोगे तो रास्ते पर धीरे-धीरे आगे बढ़ते जाओगे।

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