धर्म कर्म: दुखों को हरने का उपाय बताने वाले दुखहर्ता, उज्जैन वाले हर तरह से समरथ सन्त सतगुरु, बाबा उमाकान्त महाराज जी ने अपरान्ह, उज्जैन आश्रम में दिए व यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर प्रसारित लाइव सन्देश में बताया कि आपको जो नाम बताऊंगा, उस नाम की कमाई और प्रभु को याद करने के लिए समय निकालो जिससे मनुष्य शरीर पाने का आपका उद्देश्य पूरा हो जाए। नाम दो तरह का होता है- ध्वन्यात्मक और वर्णनात्मक। जब-जब महापुरुष इस धरती पर आते हैं, एक नाम को जगाते हैं। जैसे त्रेता में राम ने राम नाम को जगाया। तब उसमें ताकत थी। उस लोगों को फायदा हुआ। जब कृष्ण आए तो कृष्ण नाम जगाया। जब सन्त आए तो कबीर साहब ने सतसाहेब, नानक जी ने वाहेगुरु, शिवदयाल जी महाराज ने राधास्वामी आदि। समय-समय पर इन नाम में शक्ति थी। वही मुसीबत में बोलने से लोगों को काफी लाभ भी मिला और बचत भी। गुरु महाराज ने जयगुरुदेव नाम जगाया। काल के नियम के अनुसार गुरु महाराज शरीर छोड़ करके चले गए लेकिन जयगुरुदेव नाम में अभी भी शक्ति है, पावर है, ताकत है।

जैसे कई साल तक राधास्वामी, वाहेगुरु नाम चला, इसी तरह से जयगुरुदेव नाम अभी चल रहा है

इसमें पूरी ताकत है। कभी भी मुसीबत तकलीफ में पड़ जाओ तो जयगुरुदेव नाम जरुर बोलना। आजकल बीमारियां, लड़ाई-झगड़ा बहुत बढ़ गया है। रुपया-पैसा की, बरकत कम हो गई, आए दिन कोई न कोई घटनाएं घटती रहती हैं, लोगों के अंदर क्रोध और काम वासना भी बढ़ गयी है, इस वजह से परेशान हैं।

तकलीफों की लिस्ट तैयार करो तो पूरा पन्ना भर जाएगा

कामवासना किसी किसी की इतना ज्यादा हो गई, पुरुष और स्त्री दोनों परेशान। पुरुष अगर कामी हो गया तो औरत परेशान और औरत कामी हो गई तो पुरुष परेशान है। नियम-संयम का पालन नहीं कर पा रहे। इन सब का यही कारण है- खान-पान का असर। मांसाहार, शराब से लोगों की तकलीफ बहुत बढ़ गई। गृहस्थ आश्रम में एक तरह की तकलीफ नहीं है। आप हर घर के तकलीफों की लिस्ट तैयार करो तो पूरा पन्ना भर जाएगा।

तकलीफों में आराम कैसे मिलेगा

देखो हर आदमी को, हर तकलीफ का उपाय (अलग से) बताया नहीं जा सकता। लेकिन तकलीफों में आराम मिलने लग जाए, हर तरफ से फायदा दिखने लग जाए, उसके लिए आपको यह बता देता हूं कि पूरे परिवार को इकट्ठा करके जयगुरुदेव नाम की ध्वनि आप एक घंटा सुबह-शाम बुलवाना शुरू कर दो तो देखोगे की तकलीफों में आराम मिलने लगेगा। घर में मांसाहारी, शराबी, बुरे आचरण वाले को भी प्यार से बैठा लो। नियम बना लो। बच्चे नहीं बैठते हैं तो नियम बना दो कि शाम को जब भोजन बन जाएगा और नाम ध्वनि बोली जाएगी तब भोजन बटेगा। जब इस तरह का नियम बना दोगे तो सब बैठने लग जाएंगे। धीरे-धीरे उनकी बुरी आदतें भी छूटने लग जाएँगी। शराब, कबाब, शबाब भी उनका छूट जाएगा। करके देखो। ऐसे बोलना रहेगा- जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयगुरुदेव जयजय गुरुदेव।

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