धर्म कर्म: मर्यादा में रहकर बात समझाने वाले, बिमारियों तकलीफों, कमजोरी के मूल कारण और उपाय बताने वाले, इस समय के महापुरुष, दुखहर्ता, पूरे सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि आजकल बीमारियां क्यों हो रही हैं? इन्हीं सब चीजों (मांसाहारी) के खाने के वजह से। ऐसे-ऐसे रोग हो रहे हैं, जिसकी दवा नहीं मिल रही हैं। बहुत पहले मैं कहा करता था, जब तक दवा खोजोगे, बीमारी बहुत से लोगों की जान ले लेगी। तब लोगों के समझ में कम आता था। लोगों की भूलने की आदत होती है। अभी आपने तकलीफों को क्या देखा? तकलीफे तो अभी आगे आएंगी। जब संयम नियम का पालन किया जाएगा तब बचत हो जायेगी।
जिसमें चीज में जीव हत्या होती हो, वह काम नहीं करना
एक तो बीमारियां तकलीफें आती हैं मौसम के बदलाव से, खाने-पीने की बदपहरेजी से, कर्मों से तकलीफ होती है। उम्र के हिसाब से, बुढ़ापे में तकलीफ होती ही होती है। अंग जब ढीले पड़ जाते हैं, शक्ति कम हो जाती है, मेहनत ज्यादा हो जाती है तो बदन में दर्द हो जाता है, तकलीफ तो आनी ही आनी है, यह तकलीफ तो दूर हो जाती है। लेकिन कर्म वाली तकलीफ, जो जीव हत्या किया, जो मांस खाया, वह पाप क्षमा नहीं होता। उसमें तो जान तक चली जाती है। इसलिए जिस चीज में जीव हत्या होती हो, वह काम नहीं करना चाहिए।
पैसा देकर मांस लाते जरूर है लेकिन पाप लगता है
आप कहोगे हम मारते नहीं, हम तो पैसा देकर लाते, खाते हैं। लेकिन यह नहीं मालूम है कि यह भी पाप होता है। जानवरों को लाने वाले, मारने वाले, मांस काटने वाले, बनाने, पकाने, खाने खिलाने वाले, सबको पाप लगता है। इसलिए पाप के भागीदार आप मत बनो। यह मानव शरीर रूपी मंदिर, जो भगवान के भजन इबादत करने के लिए मिला है, इसको गंदा मत करना, मांस मछली मत खाना।
बजरंग बली वज्र जैसे अंग होना चहिए था, वो अंडा खाने से हवा में उड़ने जैसे हो रहें हैं
अंडा बड़ी गंदी चीज है। माताएं मासिक धर्म होती हैं। खराब ख़ून इकट्ठा होकर बच्चा बन जाता है। मुर्गियों का खराब खून, इनके लैट्रिन पेशाब का खराब हिस्सा इकट्ठा हो जाता है, वही अंडा बन जाता है। यह चीज कभी मत खाना। देखो कितना अंडा खाते हैं, लेकिन गर्मी पैदा करता है, रात को ही निकल जाते हैं। देखो! जवान-जवान लड़के, इतने दुबले, जिनका भीम, हनुमान जी जैसा वज्र जैसे अंग होना चाहिए था, वो हवा में उड़ने जैसे हो रहें हैं। तेज हवा आंधी चल जाए तो उड़ जाए। वह सब नीचे के सुराखों से निकल जाता है, अंडा खाने से। मत खाना।
शराब जैसे बुद्धि भ्रष्ट करने वाले तेज नशे का सेवन मत करना
ऐसी चीजों को सेवन मत करना जिससे बुद्धि खराब हो जाए। शराब मत पीना। शराब जैसी चीजों को मत पीना। गांजा अफीम आदि तेज नशे वाली चीज, इसमें आदमी का होश खत्म हो जाता है, बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है। बुद्धि भ्रष्ट वाली चीजों को मत खाना-पीना।