धर्म कर्म: नाम रूपी अनमोल अध्यात्मिक दौलत देने के इस समय धरती पर एकमात्र अधिकारी, आदि से अंत तक के सभी भेद पूरे जानने वाले, हर तरह से समरथ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि शुरुआत में ये दुनिया की चीजें, दुनिया यानी पिंड लोक, अंड लोक जहां देवी-देवता रहते हैं, उसके उपर ब्रह्मांड, महाकाल लोक, सतलोक, अलख लोक, अगम लोक आदि कुछ नहीं थे, केवल अनामी पुरुष और अनामी लोक था। जिस नाम कि महिमा ग्रंथों में, महात्माओं ने गाई है, वो पांच नाम का नामदान आपको दूंगा। साधना जब आप करोगे, ध्यान लगाओगे ,ऊपरी लोकों में जाओगे, आनंद पाओगे तो बहुत खुश हो जाओगे। तो उसको किसी को भी बताना नहीं है। बस यही बात रट लो- किसी को नहीं बताना है। पशु-पक्षी के सामने भी इन पांच नामों को नहीं बताना है। इस वक्त निराशा में आशा की किरण जगाने वाला नाम जयगुरुदेव है आप सभी लोग इस नाम का सुमिरन भजन करिये, जीवन में सब अच्छा होगा।