लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में विषम सेमेस्टर की परीक्षायें प्रारम्भ हो चुकी हैं, लेकिन कुछ छात्रों को छोड़कर बाकी सभी छात्र परीक्षा दे रहे हैं। विश्वविद्यालय के 11 छात्रों को परीक्षा से वंचित रखा गया है। इन छात्रों का प्रवेश पत्र भी डाउनलोड नहीं हो रहा है। छात्रों ने विरोध प्रदर्शन जताते हुए रजिस्ट्रार दफ्तर के दरवाजे पर ही धरना देना शुरू कर दिया है। इन 11 छात्रों में से एक छात्र प्रसून शुक्ला की आज परीक्षा छूट जाने के कारण उनका साल खराब हो गया है। प्रसून ने अपनी मानसिक स्थिति को बताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को आत्महत्या तक की धमकी दे दी है।
धरना प्रदर्शन का बदला निकाला जा रहा है
छात्रसंघ बहाली को लेकर कुछ छात्र पिछले 1 महीने से विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन उनकी कोई सुनवाई न होने के कारण 11 छात्रों ने भूख हड़ताल आरम्भ कर दिया। अब विश्वविद्यालय की विषम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान केवल इन 11 विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र उपलब्ध नहीं कराये गए हैं। जब इसकी शिकायत प्रॉक्टर साहब और वी सी साहब अलोक कुमार राय से की गयी तो उन्होंने इन छात्रों की कक्षा में उपस्थिति का हवाला देते हुए जवाब दिया कि, जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है, केवल उन्हीं छात्रों को परीक्षा से वंचित रखा गया है। जबकि विद्यार्थियों ने धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल को इसका प्रमुख कारण बताया है कि अब प्रशासन हमसे बदला ले रहा है। छात्रों ने प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि यदि कक्षा में उपस्थिति ही इस विवाद का मुख्य कारण है तो हमें किसी भी छात्र की 75 प्रतिशत उपस्थिति दिखा दीजिए। एक छात्र प्रसून शुक्ला, जिनकी परीक्षा आज छूट चुकी है, उन्होंने संविधान के आर्टिकल 21 का हवाला देते हुए कहा कि एक अपराधी को भी परीक्षा देने का अधिकार है, हम तो फिर भी छात्र हैं। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए प्रसून ने अपने माता पिता को सन्देश देते हुए कहा कि यदि मैं आत्महत्या कर लेता हूँ अथवा मुझे कुछ भी होता है तो इसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन और यहाँ के वी सी सर होंगे। आप इन पर ही मुकदमा दर्ज करियेगा।