सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, सिगरेट के धुएं में 7 हजार तरह के केमिकल पाए जाते हैं। ये केमिकल हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कैंसर सहित कई बड़ी बीमारियों का कारण बनते हैं। सबसे ज्यादा असर फेफड़ों पर पड़ता है, इसलिए फेफड़े के कैंसर से होने वाली 10 में से 9 मौतों की वजह धूम्रपान होती है। इसके खतरे से बचने का एक ही उपाय है- धूम्रपान छोड़ना।

हार्ट फाउंडेशन के मुताबिक, अगर इंसान सिगरेट छोड़ देता है तो दोबारा हार्ट अटैक का खतरा 50% तक कम हो जाता है। सिगरेट छोड़ने के 6 बड़े फायदे हमारे शरीर पर साफतौर पर देखे जा सकते हैं। इसके अलावा सिगरेट छोड़ने में 3-डी फॉर्मूला कारगर माना गया है। 10 मार्च को नो-स्मोकिंग डे मनाया गया। इस मौके पर इंडियन चेस्ट सोसायटी महाराष्ट्र के स्टेट चेयरमैन डॉ. संजीव मेहता ने भास्कर को बताया, सिगरेट छोड़ने पर शरीर के किन हिस्सों में क्या असर दिखता है और स्मोकिंग छोड़ने का तरीका…

सिगरेट छोड़ने से शरीर में ये बदलाव आते हैं

दिल: धड़कनें सामान्य हो जाती हैं

अगर कोई चेन स्मोकर सिगरेट छोड़ता है तो एक दिन बाद कोरोनरी डिजीज और हार्ट अटैक के खतरे घटने लगते हैं। 15 साल बाद दिल सामान्य व्यक्ति की तरह हो जाता है।

त्वचा: कसावट और चमक लौटती है

सिगरेट पीने से त्वचा में उम्र का प्रभाव अधिक दिखता है। सिगरेट छोड़ते हैं तो त्वचा पर दिखाई देने वाला उम्र का असर घटने लगता है। त्वचा की चमक लौटने लगती है।

मुंह: स्वाद पहचानने की क्षमता बढ़ती है

सिगरेट छोड़ने के लगभग 48 घंटे बाद ही सूंघने व स्वाद पहचानने की क्षमता बढ़ने लगती है। यह समय के साथ वापस पुरानी स्थिति में आ जाती है।

फेफड़े: सांस लंबी व स्थिर हो जाती है

सिगरेट छोड़ने के 2 से 3 सप्ताह बाद ही फेफड़ों की क्षमता बढ़ जाती है। सांस की दिक्कतें ठीक होने लगती हैं। 10 साल बाद फेफड़ों के कैंसर का खतरा आधा हो जाता है।

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