लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में विषम सेमेस्टर की परीक्षायें प्रारम्भ हो चुकी हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय में करीब एक दर्जन छात्रों को इसलिए परीक्षा से वंचित कर दिया गया क्योंकि वह अभी हाल ही में छात्रसंघ बहाली की मांग लेकर धरने पर बैठ गये थे। अब जब परीक्षा शुरू हुई तो सभी छात्रों के एडमिट कार्ड जारी हुए लेकिन धरने पर बैठने वाले छात्रों के एडमिट कार्ड नहीं दिए गये ऐसे में उनकी परीक्षा छूट गई। अब छात्र आक्रोशित होकर प्रशासनिक भवन के पास धरने पर बैठ गये हैं।

 

धरना प्रदर्शन का बदला निकाला जा रहा है

छात्रसंघ बहाली को लेकर कुछ छात्र पिछले 1 महीने से विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन उनकी कोई सुनवाई न होने के कारण 11 छात्रों ने भूख हड़ताल आरम्भ कर दिया। अब विश्वविद्यालय की विषम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान केवल इन 11 विद्यार्थियों के प्रवेश पत्र उपलब्ध नहीं कराये गए हैं। जब इसकी शिकायत प्रॉक्टर साहब और वी सी साहब अलोक कुमार राय से की गयी तो उन्होंने इन छात्रों की कक्षा में उपस्थिति का हवाला देते हुए जवाब दिया कि, जिन छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है, केवल उन्हीं छात्रों को परीक्षा से वंचित रखा गया है। जबकि विद्यार्थियों ने धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल को इसका प्रमुख कारण बताया है कि अब प्रशासन हमसे बदला ले रहा है। छात्रों ने प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि यदि कक्षा में उपस्थिति ही इस विवाद का मुख्य कारण है तो हमें किसी भी छात्र की 75 प्रतिशत उपस्थिति दिखा दीजिए। एक छात्र प्रसून शुक्ला, जिनकी परीक्षा आज छूट चुकी है, उन्होंने संविधान के आर्टिकल 21 का हवाला देते हुए कहा कि एक अपराधी को भी परीक्षा देने का अधिकार है, हम तो फिर भी छात्र हैं।

इनका रोका गया एडमिट कार्ड
विंध्यवासिनी शुक्ला, मंगेश यादव, आलोक मिश्रा, आकाश पांडेय, शशि प्रकाश, उत्कर्ष तिवारी, रितिक राय, प्रसन्न शुक्ला, रजत अग्रहरि, शैलेंद्र यादव। इनमें से बीए द्वितीय वर्ष के छात्र प्रसन्न शुक्ला की संस्कृत की परीक्षा छूट गई।

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