धर्म कर्म; इस समय के पूरे समरथ सन्त, शब्दभेदी गुरु, त्रिकालदर्शी, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज जी ने दोपहर बक्सर (बिहार) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि हर अंग से सेवा हर बार हर समय पर मिलती नहीं है। जैसे यदि भागोनी में, पतीले में ही नमक डाल दिया जाए तो दाल के सभी टुकड़ों में नमक का असर आ जाता है। ऐसे ही अगर पूरे शरीर को सेवा में लगा दो तो हर अंग के जो पाप कर्म जान-अनजान में बन जाते हैं, वो कट जाएंगे। उसके लिए सन्त सेवा का रास्ता निकाल देते हैं। आप घर से निकल कर यहां सतसंग सुनने आये, आपके शरीर के अंग काम आये, ये भी सेवा है। और भी सेवा है।
गुरु महाराज हमारे-आपके लिए क्या सेवा छोड़कर के गए
लेकिन ऐसी सेवा हमारे आपके लिए गुरु महाराज देकर के गए जो बहुत बड़ा परोपकार, बहुत बड़ी सेवा है। जान बचाना बहुत बड़ा पुण्य का काम होता है। एक सेवा तो यह होती है कि लोगों की दु:ख तकलीफ बीमारी को दूर कर दिया जाए, सर्दी में कम्बल देना, भूखे को रोटी खिलाना, पानी पिलाना आदि। और दूसरी सेवा है इस पांच तत्व के जड़ और चेतन की गांठ में बंधी जीवात्मा को निकाल करके प्रभु तक पहुंचा दिया जाए।
अगर लोग शराब, मांस, अंडा खाना छोड़ दे तो हिंसा हत्या अपराध रुक जाय
शाकाहारी का प्रचार करो। दुनिया में अगर लोग शराब मांस अंडा खाना छोड़ दे तो हिंसा-हत्या, अपराध रुक जाएगा। आप अगर अपराध के ऊपर रिसर्च, शोध करो तो ज्यादातर आपको वही लोग अपराधी मिलेंगे जो मांस खाते हैं, शराब पीते हैं, नशे में गलत काम करते हैं। इसलिए लोगों को शाकाहारी बनाओ। और आप आत्मा को मुक्ति दिलाने के लिए इस मानव शरीर रूपी मंदिर को साफ सुथरा रखो।
मनुष्य शरीर देवताओं के खुश करने लायक नहीं रह गया
जानवरों के मांस खाने से बने दूषित खून की वजह से ही बीमारियां घर-घर में बढ़ती चली जा रही हैं। भौतिक तकलीफ भी हो रही है और आदमी को शांति भी नहीं मिल रही है। बहुत पूजा-पाठ करने, तीर्थ में जाने, दान पुण्य करने, बहुत मंदिर मठ गिरजाघर गुरुद्वारा धर्मशाला बनवाने पर भी शांति नहीं मिल रही। इसका कारण यही है कि यह मनुष्य शरीर इस लायक नहीं रह गया जिससे देवताओं को खुश किया जाए। इसको साफ-सुथरा रखो।
अभी बड़े-बड़े शहरों में पानी की कमी कुछ दिन के बाद आएगी
प्रकृति भगवान ने जितनी भी चीज बनाई, मनुष्य के लिए ही बनाई। पानी की जरूरत आदमी को रहती है। बीच में एक चीज और आपको बता दे। अभी बड़े-बड़े शहरों में पानी की कमी कुछ दिन के बाद जब आएगी तब सब भाग पड़ेंगे नदियों के किनारे, नहाने पीने के लिए।