BILKIS BANO CASE: गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो से गैंगरेप और उसके परिवार वालों की हत्या के 11 दोषियों को अदालत ने जेल जाने के आदेश दिए हैं। जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए गुजरात सरकार के फैसले को गलत बताया है। साथ ही अदालत ने कहा कि, सजा अपराध रोकने के लिए दी जाती है, न की पीड़ित की तकलीफ बढ़ने के लिए।
#WATCH via ANI Multimedia | Bilkis Bano Case में Supreme Court का बड़ा फैसला, Gujarat सरकार के फैसले को रद्द कर दिए ये बड़े आदेशhttps://t.co/sbZAii9F9o
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 8, 2024
आपको बता दें कि 2002 में गुजरात दंगो के दौरान 5 महीने की गर्भवती बिलकिस बानो के साथ दंगाइयों की भीड़ ने गैंगरेप किया था। इतना ही नहीं उसके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या भी की थी। जिसकी सुनवाई काफी लम्बे समय से अदालत में चल रही थी, लेकिन कुछ समय पहले गुजरात की राज्य सरकार ने दोषियों को रिहा कर दिया था। जिसके बाद बिलकिस बानो की चिंता बढ़ गयी थी। इसी के चलते पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी पेश की थी। जिसकी सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि गुजरात सरकार ने जिस तरह से रिहाई के फैसले लिए है। वह एक तरह से अधिकार को हड़पने का कार्य है। हड़पने का मामला तब बनता है जब कोई किसी और की अथॉरिटी पावर का इस्तेमाल करे। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र के फैसले के अधिकार को गुजरात सरकार ने यूज करते हुए 11 दोषियों को रिहा किया है। इसी के साथ अदालत ने ये भी कहा है कि, मई 2022 में अदालत ने गलत ढंग से फैसला लिया था हम उस आदेश को ख़ारिज करते हुए दोषियों को 2 सप्ताह के अंदर सरेंडर होने के आदेश देते हैं।