BOLLYWOOD: कंगना रनौत जो एक्टिंग के साथ-साथ अपनी बेबाकी के लिए भी जानी जाती हैं। हाल ही में उनका एक बयान सामने आया है जिसमे उन्होंने बिलकिस बानो पर बायोपिक फिल्म बनाने को लेकर अपनी दिलचस्पी जाहिर की है। उन्होंने बताया है कि, इस तरह की कहानी पर वो पिछले 3 सालों से रिसर्च कर रहीं हैं। लेकिन OTT प्लेटफॉर्म की गाइडलाइंस की वजह से अब वो ऐसी मूवी नहीं बना सकती।
आपको बता दें कि, कंगना के एक्स अकाउंट पर जब एक फैन ने एक्ट्रेस से पूछा कि, डीयर कंगना मैम, नारी सशक्तिकरण को लेकर आपका जनून हमे बहुत प्रोत्साहित करता है। क्या आप एक पावरफुल फिल्म के जरिए बिलकिस बानो की कहानी बताने में दिलचस्पी रखती हैं। क्या आप एक इंसान होने के नाते बिलकिस बानो पर फिल्म बनाएंगी ? जो फेमिनिज्म को प्रेरणा दें।
I want to make that story I have the script ready, researched and worked on it for three years but @netflix , @amazonIN and other studios wrote back to me that they have clear guidelines they don’t do so called politically motivated films, @JioCinema said we don’t work with… https://t.co/xQeVfc3SyI
— Kangana Ranaut (Modi Ka Parivar) (@KanganaTeam) January 9, 2024
कंगना ने दिया यूजर्स को जवाब
यूजर्स का जवाब देते कंगना कहती हैं कि, वो बिलकिस बानो पर फिल्म बनाना चाहती हैं, जिसपर वे लगातार पिछले 3 सालों से रिसेर्च भी कर रही थीं। स्क्रिप्ट पूरी तरह से बनकर हो चुकी है। लेकिन नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो और दूसरे स्टूडियोज कि गाइडलाइन्स क्लियर हैं कि वो ऐसी राजनीति से प्रेरित फिल्में नहीं करते हैं। कंगना ने ये भी कहा कि ‘जियो सिनेमा ने उन्हें कहा कि कंगना सरकार को सपोर्ट करती हैं इसलिए वो उनके साथ काम नहीं करते। और जी फिलहाल मर्जर से गुजर रहा है। मेरे पास ऑप्शन बचे ही कहां?’
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बिलिक्स बानो गैंगरेप की पूरी कहानी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, गुजरात दंगे के दौरान बिलकिस बानो का 2002 में गैंगरेप हुआ था, घटना के दौरान बिलकिस बानो 3 महीने की गर्भवती महिला थी। 11 दंगाइयों ने गैंगरेप के बाद पीड़िता के परिवार के 7 सदस्यों की निहस्त हत्या कर कर दी थी। जिसके बाद उन्हें FIR दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन कुछ समय पहले ही गुजरात सरकार ने उन्हें अच्छे स्वभाव का इंसान बताकर जेल से रिहा कर दिया था। जिसके बाद बिलकिस ने सुप्रीम कोर्ट में दोषियों के खिलाफ अर्जी पेशी की थी । 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को फिर से जेल भजने के साथ-साथ गुजरात सरकार को भी फटकार लगाई है।