लखनऊ। राजधानी में लखनऊ विकास प्राधिकरण के जानकीपुरम योजना में भूखंड घोटाले के आरोपियों से 7 वर्ष के बाद वसूली शुरू हो पाई है। सीबीआई की जांच में भूखंड घोटाले में कई कर्मचारी और अधिकारी दोषी पाए गए थे। जिनमें से 14 कर्मचारियों से वसूली की जानी है। वहीं प्राधिकरण ने अब 14 में 2 से वसूली भी कर ली है। जिसकी जानकारी एलडीए के तहसीलदार सदर ज्ञानेंद्र सिंह ने प्राधिकरण को भेजी है। शासन के आये दबाव के बाद वसूली की ये कार्रवाई तेज हो सकी है, जिसके बाद प्राधिकरण ने इसके लिए कवायद शुरू कर दी, जिसमें एलडीए के ड्राफ्टमैन पूरन नागर और सेवा निवृत्त बाबू जेपी शुक्ल से नुकसान के वसूली की शुरुआत की गई है। तहसीलदार सदर ज्ञानेंद्र सिंह ने नुकसान की वसूली कर एलडीए सचिव पवन गंगवार को इसकी सूचना भेजी है। पूरन नागर से 3.27 लाख और जेपी शुक्ला से 38.697 हज़ार की वसूली की गई है। दोनों के खिलाफ एलडीए ने आरसी जारी की थी।

यह भी पढ़ें: लखनऊ: ईंट से कूंचकर युवक की निर्मम हत्या, जांच में जुटी पुलिस

14 कर्मचारियों से 28 लाख 15 हजार की वसूली होनी है
सीबीआई की जांच में दोषी पाए गए सभी 14 कर्मचारियों से कुल 28 लाख 15 हजार की वसूली करनी है. जानकीपुरम योजना के 139 भूखंड के आवंटन में एलडीए ने ये नुकसान का आकलन किया था. यह आकलन एलडीए की समिति ने किया था। इसके बाद इसकी वसूली की प्रक्रिया 2014 में शुरू हुई थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण में संपत्ति अधिकारी रामप्यारे सिंह और अनु सचिव राम प्रकाश सिंह से वसूली के प्रकरण में शासन ने रिपोर्ट मांगी थी, जिसके बाद इस दिशा में कार्रवाई तेज हो सकी है। प्राधिकरण अपनी रिपोर्ट के दबाव में इस कार्रवाई में तेजी ला रहा है और उम्मीद की जा रही है बाकी 14 दोषियों से भी वसूली जल्द ही कर ली जाएगी।https://gknewslive.com

admin

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *