IRANVSPAKISTAN: इजराइल और फिलिस्तीन, यूक्रेन और रूस के बाद अब पाकिस्तान और ईरान में भी युद्ध छिड़ चुका है। पहले (मंगलवार) 16 जनवरी को ईरान ने पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम के बलूचिस्तान प्रान्त में बेस कुछ आतंकी ठिकानो पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया और उसके बाद जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान ने भी ईरान पर मिसाइल दाग दी और अब हालात ये हैं कि ईरान ने अपनी सेना को पाकिस्तानी बॉर्डर की तरफ बढ़ाना शुरू कर दिया है और पाकिस्तान भी अब ऐसा ही कर रहा है।
युद्ध का कारण
ईरान और पाकिस्तान कभी अच्छे दोस्त हुआ करते थे। आपको बताते चलें कि, 1947 में पाकिस्तान के आजाद होने के बाद सबसे पहले ईरान ने ही उसे आजाद देश की स्वीकृति दी थी। दोनों देशों के बीच रिश्ते इतने मधुर होने के बाद भी आज ऐसे हालात क्यों हो गए है? इसका कारण है पाकिस्तान के बलूचिस्तान में पाला जा रहा एक आतंकी संगठन जैश अल-अदल। जो की आये दिन ईरान की धरती पर आतंक फैलाया करता है। पिछले साल जुलाई में और उसके बाद दिसंबर में भी जैश अल-अदल आतंकी संगठन ने ईरान के सैनिको पर हमला किया था जिसमे 11 पुलिस अफसरों की जान गयी थी। जैश अल-अदल एक सुन्नी आतंकवादी संगठन है जो 2012 में बनाया गया था। हालांकि यह संगठन पाकिस्तान में रहकर अपना काम करता है लेकिन हैरानी की बात यह है कि, इसके लिए पाकिस्तान ईरान को जिम्मेदार ठहराता है और ईरान पाकिस्तान को।
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ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) ग्रुप ने अब जैश अल-अदल को निस्तनाबूत करने की ठान ली है और लगातार उनपर हमलावर है। ईरान अपनी सैन्य ताकत को पाकिस्तानी बॉर्डर पर बढ़ा रहा है तो यह निश्चित है कि अब युद्ध अपने दूसरे चरण में प्रवेश कर रहा है। पाकिस्तान एक ओर हमला करने के बाद कह रहा है कि, हमने तो सिर्फ ईरान के आतंकवादी संगठन पर ही हमला किया है। तो सवाल ये उठता है कि, यदि ईरान के आतंवादी संगठन का पता ठिकाना पाकिस्तान को पहले से ही मालूम था तो पहले कार्रवाई क्यों नहीं की गयी। खुद पर हमले का इन्तजार क्यों किया। जबकि, ईरान खुलकर कह रहा है की, उसकी सेना ने ही पाकिस्तान पर हमला किया है, किसी आतंकवादी संगठन ने नहीं।