LOKSABHA ELECTION2024: जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है देश की सियासत भी गरमा रही है। अब सभी राजनीतिक पार्टियां खुलकर मैदान में आने लगीं हैं। मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करके कई राजनीतिक पार्टियों के चुनावी समीकरण बिगाड़ दिए हैं। आज बसपा सुप्रीमों ने लखनऊ स्थित कार्यालय पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के सभी वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों की मौजूदगी में पार्टी के जनाधार को सर्वसमाज में बढ़ाने व पार्टी संगठन में मजबूती के साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों और उम्मीदवारों के चयन आदि के सम्बन्ध में समीक्षा की व नए दिशा निर्देश दिए।

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धर्म का किया जा रहा राजनीतिकरण

मायावती ने इस महत्वपूर्ण बैठक में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी जैसी समस्याओं पर बात करते हुए कहा कि, देश में लगभग 81 करोड़ से अधिक लोग जीने के लिए सरकारी अन्न के मोहताज हैं। दूसरी तरफ धर्म का चुनावी स्वार्थ के लिए राजनीतिकरण किया जा रहा है, जोकि भारत के भविष्य के लिए ठीक नहीं है। बैठक में गठबंधन के पुराने अनुभवों को याद करते हुए बहन जी कहती हैं कि, पार्टी को किसी भी अन्य पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन या कोई समझौता नहीं करना है, क्योंकि इस क्रम में बार-बार धोखा खाना होशियारी नहीं है। गठबंधन के ऐसे कड़वे अनुभवों से कर्मठ कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है और मिशन कमजोर होता है। इस बैठक में मयावती ने कहा कि, हर प्रकार की अफवाहों के अलावा विरोधी पार्टियों के साम, दाम, दंड, भेद आदि हथकंडों से दूर रहकर पार्टी के दिशा-निर्देशों को पूरा करने के लिए संगठित होकर काम करें।

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