धर्म-कर्म: बाबा जयगुरुदेव जी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी, इस समय के पूरे समरथ संत सतगुरु, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि, कहा गया है- एक राम दशरथ का बेटा, एक राम घट-घट में लेटा। एक राम का सकल पसारा, एक राम सब जग से न्यारा।। जिनको जानकारी नहीं है वह तो दशरथ के बेटे को राम मान लेते हैं जो चले गए, वो केवल उन्हीं को सम्मान देते हैं। दूसरा राम मन को कहा गया है जो जीवात्मा के साथ लगा हुआ है। तीसरा राम निरंजन भगवान जिनको ईश्वर, खुदा, गोड अपनी-अपनी भाषा में लोगों ने कहा। चौथा राम सबके सिरजनहार सतपुरुष है। उस राम से मिलाने वाले भेदी गुरु की खोज करो। मूर्ति फोटो पूजने से आपकी श्रद्धा भाव भक्ति के अनुसार लाभ तो मिल जाएगा लेकिन जीवात्मा का कल्याण नहीं हो सकता। आज के समय में सभी को राम-कृष्ण के आचरणों को अपनाने की जरूरत, तभी विश्व का कल्याण हो सकता है।
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महापुरुषों का काम ही समझाने का होता है। अब तो उपदेश समझने वालों में ही गलत आदतें आ गई तो कैसे समझाएं। उदाहरण के लिए जो खुद नशेडी हो, वह उपदेशक, कथा वाचक, सतसंग करने वाला आदि दूसरों को नशे से दूर रहने के लिए कैसे कहे? तो उनके उपदेशों को बदल दिया लोगों ने और आसन इस तरह से कर दिया की जन्माष्टमी मना लो, राम विवाह, रासलीला, रामलीला आदि मना लो, जगह-जगह मंदिर बना दो, फूल-पत्ती चढ़ा दो तो आसान हो गया लेकिन उनके उपदेश को बताने की जरूरत है, उन्होंने जनहित के लिए क्या-क्या काम किया, कितना त्याग किया, यह बताने की जरूरत है। हम उनके वंशज हैं, हमको उनका अनुकरण करना चाहिए, उनके बताए हुए रास्ते पर हम चलेंगे, उनका बताया हुआ अच्छा काम हम करेंगे तभी हमारा कल्याण होगा। आज केवल कृष्ण-राम कथा-चरित्र पढ़ने, केवल बाहरी क्रियाएं करने की बजाय राम-कृष्ण के उपदेशों को लोगों को बताने, उनका अनुसरण करने की जरुरत है। विचार करो, आज राम जैसे लोग और सती अनुसुइया सावित्री जैसी बच्चियां क्यों नही बन पा रही।
जयगुरुदेव नाम परमात्मा का नाम है:-
यह जयगुरुदेव नाम किसी आदमी का नहीं, यह भगवान परमात्मा का नाम है। महापुरुष जब इस धरती पर आते हैं तो एक नाम को जगाते हैं, जैसे त्रेता में राम नाम, द्वापर में कृष्ण, कलयुग में कबीर साहब ने सतसाहेब, नानक जी ने वाहेगुरु, शिवदयाल जी ने राधास्वामी नाम जगाया। अभी “जयगुरुदेव” नाम प्रभु का, गुरु महाराज द्वारा जगाया हुआ नाम है, मुसीबत में मददगार है। मुसीबत जब आये, जयगुरुदेव नाम बोलोगे तो मदद होगी, चाहे बीमारी हो चाहे लड़ाई झगड़ा हो, घर में कोई टेंशन हो तकलीफ जब आवे तो जयगुरुदेव नाम की ध्वनि बोलना शुरू कर दो और फायदा देखो। राम कृष्ण ने बहुत समझाया, मैं भी लगातार समझा रहा हूं, नहीं समझ में आएगा तो विनाश अवश्यंभावी है।