Saraswati Puja: माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस साल बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी. कहा जाता है कि इस दिन से ही बसंत ऋतु का आगमन होता है. इसके साथ ही इस दिन ही मां सरस्वती की उत्पति भी हुई थी. यह दिन छात्रों के लिए, कला और संगीत आदि क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बेहद खास होता है. बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का भी विशेष महत्व होता है. बसंत पंचमी का दिन विद्या आरंभ या किसी भी शुभ कार्य के लिए बेहद उत्तम माना जाता है.
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बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 फरवरी को सुबह 7 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. यानी पूरे 5 घंटा 35 मिनट. वहीं बसंत पंचमी की तिथि का शुरुवात 13 फरवरी से दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से 14 फरवरी की दोपहर 12 बजकर 9 मिनट तक रहेगा.
इस श्लोक का करें उच्चारण
सुबह जल्दी उठाकर स्नान करके माँ सरस्वती की मूर्ति को साफ़ स्थान पर स्थापित करें, और इस श्लोक का उच्चारण करें. सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।। शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमांद्यां जगद्व्यापनीं। वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यांधकारपहाम्।।