धर्म कर्म: बाबा जयगुरुदेव जी के उत्तराधिकारी समय के सन्त उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज के भक्तों द्वारा पूरे देश भर में जगह-जगह जीवों के कल्याण हेतु अखिल भारतीय जीव जागरण धर्म यात्रा, सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज के सानिध्य में निकाली जा रही है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के सभी जिलों की सम्मिलित शोभा यात्रा का भव्य समापन भोपाल के जमुरी मैदान में होने जा रहा है। इसी संदर्भ में पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने मनुष्य द्वारा जान-अनजान में बनने वाले बुरे कर्मों से जबरदस्त नाराज हो चुकी कुदरत द्वारा दी जाने वाली कर्मों की सजा से बचने के लिए सबको शाकाहारी सदाचारी व नशामुक्त बनने और बनाने की प्रार्थना की है। महाराज जी अपने सतसंग सन्देश में दुःख तकलीफों परेशानियों, झगड़ा-झंझट, टेंशन, पारिवारिक कलह, रूपये-पैसे में बरकत न होना आदि का स्थाई व सरल उपाय सबके लिए बताएँगे। साथ ही साथ मनुष्य शरीर के असला लक्ष्य जीते जी ईश्वर दर्शन व प्राप्ति का सुलभ रास्ता नामदान भी बताएंगे।
सतसंग नामदान भंडारा सहित पूरा कार्यक्रम पूर्णता नि:शुल्क है
इसी क्रम में शाकाहार और सदाचार का संदेश देते हुए आ रही मध्य प्रदेश के सभी जिलों द्वारा धूम-धड़ाके, गाजे-बाजे से निकाली जा रही शोभायात्राएं 21 फरवरी की रात को भोपाल पहुंचने और 22 फरवरी को भोपाल में भ्रमण कर जमुरी मैदान पहुंचने की संभावना है, जहां पर 23 फ़रवरी को दोपहर 3 बजे से और 24 फरवरी प्रात: 11 बजे से माघ पूर्णिमा पर भव्य सतसंग व नामदान कार्यक्रम होगा। यहां पर पूज्य सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज जीवन को नई दिशा देने वाला, विलक्षण अद्भुत ऐसा सतसंग देंगे जो लोगों ने अपने जीवन काल में शायद ही कभी सुना होगा। बाबा जयगुरुदेव संगत (म.प्र.) द्वारा राजा भोज की नगरी भोपाल एवं संपूर्ण देश व प्रदेश की धर्म प्रेमी जनता से करबद्ध प्रार्थना है कि इस जीव जागरण धर्म यात्रा का दर्शन कीजिये और हर तरह से समर्थ सन्त सतगुरु बाबा उमाकान्त जी महाराज से नाम दान लेकर आध्यात्मिक साधना करके अपनी आत्मा का कल्याण करके अपना मनुष्य जीवन सफल बना लीजिए। यह नरकों-चौरासी से छुटकारा पाने का रास्ता तथा शरीर को चलने वाली शक्ति जीवात्मा की मुक्ति मोक्ष का रास्ता नामदान, बाबाजी नि:शुल्क बताएँगे। आप सभी अपने परिवार, रिश्तेदार, साथी, सहयोगी, मित्र, पड़ोसीयों समेत समस्त जानकारों सहित कार्यक्रम में सादर आमंत्रित हैं।
पहले सेठ साहूकार तथा राजा वक्त के सन्त के मार्गदर्शन से देश चलाते थे
पहले जब आम लोगों से लेकर सेठ-साहूकार तथा राजा सभी लोग, वक्त के समर्थ सन्त के दर्शन, सतसंग का लाभ लेते थे तथा उनके बताए रास्ते पर जब चलते थे तो सभी लोग स्वस्थ, खुशहाल रहा करते थे। परंतु जब से वक़्त के समर्थ सन्त से दूर हुए तब से झोपड़ी से महल तक रहने वाले लोग इस समय दुखी दिखाई पड़ रहे हैं और जो मनुष्य शरीर पूजा, इबादत, भजन के लिए मिला, इससे गुनाह करके रुह यानी जीवात्मा को दोजख में ढकेल दे रहे हैं। तवारिख बता रही है कि कठिन परिस्थितियों में दुःख दूर करने के लिए वो प्रभु किसी न किसी को धरती पर सन्त-महात्माओं के रूप में भेजा करता है जैसे- कबीर साहब, गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज, बाबा जयगुरुदेव जी महाराज आदि। इस समय पर बाबा जयगुरुदेव जी महाराज के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी बाबा उमाकान्त जी महाराज देश-विदेश में घूम कर लोगों को घर-घर की बीमारी, लड़ाई-झगड़ा, टेंशन दूर करके रोजी-रोटी में बरकत मिलने का उपाय बताने के साथ-साथ इसी मनुष्य शरीर में प्रभु का दर्शन कराके रुह को निजात दिलाने का काम कर रहे हैं।