धर्म कर्म: दुःखहर्ता सन्त उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि आप जितने भी कार्यकर्ता हो, गुरु का काम अगर करोगे तब तो गुरु का हाथ आपके ऊपर रहेगा नहीं तो काल और दयाल की यह लड़ाई है। कलयुग ऐसे नहीं जाने वाला है। कलयुग जब जोर लगाएगा तब परमार्थ से आपको हटाएगा। गुरु की दया अगर ठुकराने की कोशिश करोगे तो धोखा खा जाओगे। आप जब काम करोगे, लोगों से मिलोगे, अच्छी-अच्छी बातें लोगों को आप बताओगे, सतसंग सुनाओगे, भाषण बाजी करोगे तो आपको सम्मान मिलेगा लेकिन गुरु के मिशन, संगत के अनुशासन को आप भूल जाओगे तो एक न एक दिन सब (सेवा, कमाई) खत्म हो जाएगा। लाभ और मान क्यों चाहे, पड़ेगा फिर तुझे देना। यह परमार्थी रास्ता है।

सभी को एक लक्ष्य अपने घर जाने का बनाना है

आप सब लोगों को अपना लक्ष्य कहां का बनाना चाहिए? अपने असला घर जाने का। अपना घर, अपना वतन यहां नहीं है। अपने को धन्य समझना चाहिए कि चौरासी लाख योनियों में भ्रमण करने के बाद आपको एक अवसर (मनुष्य शरीर) मिल गया। आप बहुत से लोगों को यह नहीं मालूम है कि पिछले जन्म में कहां थे- कीड़ा-मकोड़ा, सांप, गोजर, बिच्छू थे या क्या थे, यह आपको नहीं पता है। आप समझो ये चौरासी लाख योनीयां हैं जिनमें (जीवात्मा को) भटकना पड़ता है।

प्रेमियो! प्रेत योनियों में जाने से लोगों को बचाना है

बगैर समय पूरा किये हुई मृत्यु को अकाल मृत्यु कहते हैं। आज घर-घर इतने प्रेत क्यों हो गए? एक-एक आदमी पर कई-कई भूत क्यों लग रहे हैं? यह जो हिंसा-हत्या, आदमी मारे जा रहे हैं, मुर्गा बकरा भैंसा गाय बैल काटे जा रहे हैं, सब प्रेत योनियों में जा रहे हैं। प्रेत योनि में बड़ी तकलीफ होती है। पेट बड़ा होता है, नाक बहुत छोटा होता है। उनका भोजन खुशबू सुगंधी होती है। भूख हमेशा लगी रहती है। पेट नहीं भरता है, परेशान रहते हैं, परेशान करते रहते हैं। प्रेत योनि से लोगों को बचाना पड़ेगा। जिन बच्चों के लिए इतना मेहनत करते हो कि मेरे बच्चे का नाम हो जाएगा, मैं धन कमा कर रख लूंगा, बढ़िया मकान गाड़ी घोड़ा छोड़ करके जाऊंगा, इसे सम्मान मिलेगा, वह बच्चे जीने और खाने नहीं पाएंगे, जब एक-एक पर 10-10 भूत लगेंगे तब बच्चे-बच्चियों, कार्यकर्ताओं! सारी मेहनत बेकार चली जाएगी। इसलिए अपने और अपने बच्चों के उत्तम भविष्य के लिए आपको एक निशाना बना करके काम करना है। गुरु का गुलाम बन कर सेवा करो।

सभी प्रदेशों के लोग एक अनुशासन बना लो, उसके अनुसार काम करो

देखो कोई भी चीज हो, चाहे संस्था दफ्तर घर समाज कोई हो, जब उसमें अनुशासन चलता है, अनुशासन में जो लोग काम करते हैं, वह आगे बढ़ जाते हैं, उनकी तरक्की हो जाती है। जो अनुशासनहीनता करते हैं, नौकरी से, समाज से निकाल दिए जाते हैं। उनकी कोई कीमत नहीं रह जाती। अनुशासन का, नियम-कानून का पालन करना चाहिए। आप लोग कार्यकर्ता, पूरे प्रदेश के लोग यहां बैठे हो, एक नियम अनुशासन आप बना लो। काम करो जैसे अन्य प्रदेशों में संगत बढ़ती चली जा रही है। सब संगठित होकर के एकजुट होकर के काम कर रहे हैं, गुरु का नाम और काम आगे बढ़ रहा है।

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