धर्म कर्म: देश-दुनिया में शाकाहार, सदाचार और नशा मुक्ति के लिए लोगों में वैचारिक क्रांति की अलख जगाने वाले, जयगुरुदेव नाम से लोगों की दु:ख तकलीफ दूर करने वाले, वक़्त के विश्वविख्यात परम् सन्त, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज के आह्वान पर भक्तों द्वारा देश-प्रदेश में निकाली गई ऐतिहासिक शाकाहार, नशामुक्ति जीव जागरण धर्म यात्रा के प्रथम चरण का भव्य समापन म. प्र. की राजधानी भोपाल के जम्बूरी मैदान में हुआ, जहाँ देश-विदेश से पधारे हज़ारों भक्तों को महाराज जी द्वारा सतसंग सन्देश दिया गया।
अपने सन्देश में महाराज जी ने अपने देश-विदेश के भक्तों को आदेश दिया कि आप इसे एक महीने और चलाओ, जन-जन तक पहुँचाओ, उनसे प्रार्थना करो कि- हाथ जोड़ कर विनय हमारी, तजो नशा बनो शाकाहारी; छोड़ो व्यभिचार बनो ब्रह्मचारी, सतयुग लाने की करो तैयारी। आने वाली तकलीफ और बीमारियों से बचने के लिए शाकाहारी और नशामुक्त बनो। दया धर्म तन बसे शरीरा, ताकि रक्षा करें रघुवीरा, इसलिए जीवों पर दया करो, उनका मांस मत खाओ, उनकी हत्या मत करो, रहम दिल बन जाओ। तभी वो वो ख़ुदा भगवान, दया करेगा।
महाराज जी कहा बता के जा रहा हूँ कि अगर लोग शाकाहारी नहीं हुए तो एक साथ दो-दो देवता हमला करेंगे। आग भी लगेगी और हवा भी लगेगी। तो आग कहां तक जाएगी, कोई नहीं बता सकता है। बारिश भी होगी और हवा भी चलेगी तो कहां तक पानी चला जाएगा, ऐसे में कौन बच पायेगा? इसलिए आप सब लोग शाकाहारी बनो।
महाराज जी ने जनमानस से प्रार्थना कि की देश प्रेम बनाये रखो। किसी की निंदा बुराई मत करना। आंदोलन, हिंसा, तोड़-फोड़ से दूर रहना। देश की संपत्ति को अपनी संपत्ति समझना। सबके लिए दिल में प्रेम की जगह बनाओ। शाकाहारी नशामुक्ति प्रचार में लगे रहो।