धर्म कर्म: त्रिकालदर्शी, सर्वज्ञ, वक़्त के महापुरुष, पूरे समर्थ सन्त सतगुरु,दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने जयपुर (राजस्थान) में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि देखो प्रेमियों! त्रयोदशी जो 8 मार्च को आ रही है, उसके 3 दिन के बाद अमावस्या आएगी, फिर दुतिया आएगी, समझ लो अंदाजन 12-13 तारीख में पड़नी चाहिए, इस सप्ताह का जो समय है, प्रचार के लिए बहुत अच्छा समय है। यह मुहूर्त होता है। हर काम का मुहूर्त होता है। मुहूर्त से जो काम होता है, उसमें कामयाबी मिलती है। यह मुहूर्त (आदि) जितनी चीज बनाई गई हैं, सन्त महात्माओं के द्वारा बनाई गई हैं, इसलिए मुहूर्त का असर होता है।
इस समय थोड़ी मेहनत में ज्यादा कामयाबी मिलेगी
देखो गुरु महाराज भी मुहूर्त से सब काम करते थे और एक समय बताते थे कि जैसे दिन में 1 बजकर 10 मिनट पर यह कार्यक्रम / अभियान पूरे देश में शुरू होगा तो उसको उसी समय चालू किया जाता था। इसी तरह से पूरे देश-विदेश के लिए यह सप्ताह, हफ्ता आ रहा है, महत्वपूर्ण है। इसमें आप थोड़ा मेहनत करोगे, ज्यादा कामयाबी मिलेगी, थोड़ा मेहनत करोगे, आपका ज्यादा महत्व, कीमत बढ़ेगी। इसलिए आप लोग जो यहां पर आए हुए हो या जो कहीं भी किसी भी प्रदेश में सुन रहे हो या सुनो या यह खबर आपको लोग बतावे, आप अपनी योजना बना लो। कैसे भी करो, कैसे भी समझाओ, इस समय जिसको समझाओगे, उनके समझ में जल्दी आएगा। जल्दी उनके अंदर बदलाव होगा। बदलाव लाना भी जरूरी है, नहीं तो- बज रहा काल का डंका, कोई बचने न पाएगा। बचेगा साध जन कोई, जो सत से लौ लगाएगा।।
नामदान देकर आधार बनाया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों की रक्षा हो सके
आगे का समय तो भयंकर आ ही रहा है। ऐसा खराब समय आपने कभी देखा ही नहीं होगा। दिन-ब-दिन खराब होता ही दिखाई पड़ रहा है। बीमारियां तरह-तरह की आ रही है। लड़ाई-झगडा, अनहोनी होता चला जा रहा है। यह तो अभी कुदरत का ट्रेलर चल रहा है। पिक्चर तो अभी आगे आएगी तब देखना कितना मार-काट होता है, कितनी आपदाएं आती हैं। इससे वही लोग बचेंगे, जैसे समझो जो समंदर में डूब रहा हो और खम्भा मिल जाए, उसको पकड़ ले, डूबने से, तूफान से बच जाए। जैसे चक्की की कील गेंहू को बचाता है, इस तरह से जो कील को पकड़ लेंगे, उनकी रक्षा हो जाएगी, वही सतयुग को, अच्छे समय को देखेंगे, जो शाकाहारी नशामुक्त रहेंगे, जो व्यभिचार को छोड़ देंगे, वही ब्रह्म में विचरण करने वाले हो जाएंगे, ब्रह्मचारी हो जाएंगे।