Hariyana Political Crisis: आज मंगलवार 12 मार्च को बिहार की तरह ही हरियाणा में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफ़ा दे दिया है और कयास यही लगाए जा रहे हैं कि मनोहर लाल खट्टर ही वापस से मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. हरियाणा में बीजेपी और दुष्यंत चौटाल की पार्टी JJP के बीच गठबंधन टूट गया है क्योंकि लोकसभा चुनाव में JJP 2 लोकसभा सीट की मांग कर रही थी और बीजेपी 1 ही सीट देने पर अड़ी थी, तो दुष्यंत चौटाला ने बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ दिया है.
जहां एक ओर देश में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी उठापटक चालू है. कौन सा नेता कौन सी पार्टी में जायेगा, कौन सा दल किस गठबंधन में जायेगा, यह रोचकता कम थी कि लगातार अलग अलग राज्यों में गठबंधन टूटने की और मुख्यमंत्रियों के इस्तीफ़ा देकर वापस से मुख्यमंत्री बनने की खबर ने भी देश के दोनों बड़े दलों को दिमाग खपाने के काम पर लगा दिया है. आपको बताते चलें कि हरियाणा में बीजेपी सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी चाह रही थी क्योंकि अभी भी सभी सीटों पर बीजेपी के ही सांसद हैं तो वहीं दुष्यंत चौटाला 2 सीट की मांग का रहे थे. बात न बनने पर बीजेपी और जेजेपी का गठबंधन टूट गया.
इसे भी पढ़ें: CAA लागू होने पर बोले केजरीवाल, कहा-‘वोटबैंक के लिए BJP कर रही गंदी राजनीति’
आपको बताते चलें कि, हरियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं. सरकार बनाने कि लिए किसी भी एक पार्टी को 46 विधायकों की जरूरत होती है. अब जेजेपी से गठबंधन टूटने के बाद भी बीजेपी सरकार में बनी रहेगी क्योकि राज्य में बीजेपी के 41 विधायक हैं. वहीं गोपाल कांडा की पार्टी के एक विधायक हैं. राज्य में पांच निर्दलीय विधायक हैं. तो इन सब को मिलाकर कुल संख्या 47 हो जाती है. पहले सरकार के पास जेजेपी के 10 और विधायकों का भी समर्थन था और दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम थे तो सरकार के पास कुल 57 विधायकों का समर्थन था. वहीं विपक्ष में कांग्रेस के 30 विधायक हैं और बलराज कुंडू और सोमबीर सांगवान दो निर्दलीय विधायक हैं. एक विधायक आईएनएलडी के हैं.