धर्म-कर्म : पूरे समर्थ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि प्रेमियो! करनी और कथनी में फर्क नहीं होना चाहिए। आप करके देखो, आपकी बातों का बहुत असर पड़ेगा। लोगों को समझने, बताने का अभी कुछ समय है। अगर आप अभी नहीं बता पाओगे तो जिसका देश, दुनिया है, जिसने यह परिवर्तनशील संसार बना दिया है, वह परिवर्तन करेगा, जो भयंकर होगा।

लोग समझाने बताने से शाकाहारी नशामुक्त नहीं बने तो..:-

जब लोग समझाने से नहीं मानेंगे तब वह अपना विकराल रूप लेगा। रावण को, राक्षसों को, कौरवों को थप्पड़ मार करके राम-कृष्ण ने समझाया था। तो उसमें बहुत लोग (दुनिया से) चले जाएंगे। थोड़ा ही समय है। धीरे-धीरे समय और खराब आता जा रहा है। आपके लिए भी ये खराब समय आएगा। कोई भी खराब समय आता है तो सबके लिए आता है। कमजोर पर असर ज्यादा आता है। बड़ा ही खराब माहौल बनता चला जा रहा है। कब कहां क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता।

इस समय भारतीय संस्कृति का गला घोटा जा रहा है :-

बाबा जी ने कहा कि, विदेशों में आपस में मन-मुटाव बढ़ता चला जा रहा है, प्रेम वाली बात खत्म होती चली जा रही है। इसका मुख्य कारण है गलत खान-पान (मांसाहार) और चरित्रहीनता, जिसे लोगों ने फैशन बना दिया। अब चाहे पुरुष हो या स्त्री हो, अपने पति/पत्नी के साथ रहना पसंद नहीं करते, दूर के ढोल सुहावने, जैसे कहा जाता है। यह सब भारतीय संस्कृति का गला घोटना हो रहा है।

जैसे उठते भूरे बादल में पानी निश्चित गिरता है, ऐसे ये तेज गर्मी, ओला पत्थर पानी कुदरती कहर आने के संकेत हैं :-

महाराज जी ने कहा कि, बीमारियां आने को जैसे मैंने बताया, भूरा बादल जब नीचे से ऊपर बढ़ता है, तो पानी लाता ही लाता है। ऐसे ही लक्षण सब दिखाई पड़ रहे हैं। यह देखो गर्मी, तापमान बढ़ता चला जा रहा है। अब पानी बरसेगा, ओला पत्थर गिरेगा, अतिवृष्टि होगी, यह सब लक्षण है। इसे भी छोड़ो, आप लक्षण के हिसाब से देखो, जिसको वैज्ञानिक लोग शोध करके अब बताने लगेंगे, खराब समय चारों तरफ से आ रहा है। लेकिन अब बचना भी है और बचाना भी है। आज प्रहलाद का नाम है। अत्याचार का अंत, भक्त की रक्षा और न्याय, सत्य की जीत हुई थी। प्रहलाद में अगर शक्ति न होती तो कैसे बचते? भक्ति की शक्ति से ऐसे ही बचने और बचाने की जरूरत है।

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