माफिया मुख्तार का अंत: पूर्वांचल के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की दिल का दौरा पड़ने से कल मौत हो गई. मुख्तार बांदा जेल में बंद था जहाँ उसकी तबियत बिगड़ी और उसे पास के मेडिकल कॉलेज लाया गया और वो डॉक्टर के सामने ही बेहोश हो गया और कुछ देर बाद डॉक्टर ने पुष्टि की कि दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही एक और माफिया राज का अंत हो गया.
मुख्तार को पता था वो मरने वाला है
मुख्तार अंसारी की मौत भले ही स्वाभाविक एक दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई हो लेकिन इसकी मौत और अपराधी अतीक अहमद की मौत में समानता यह है कि अतीक और उसके भाई अशरफ ने भी शूटआउट के कुछ दिन पहले हत्या की आशंका जताई थी और मुख्तार ने भी मरने के कुछ दिन पहले कहा था कि उसकी तबियत बिगड़ रही है क्योंकि उसके खाने में कुछ जहरीला पदार्थ मिलाया जा रहा है. मुख्तार अंसारी को जब 4 दिन पहले बांदा कोर्ट में पेश किया गया था तब उसने जज साहब से गुहार लगायी थी कि उसे डर लग रहा है कि उसकी मौत हो जाएगी आपको बताते चलें की मुख्तार पर पहला मुकदमा 1986 में किया गया था और उस पर हत्या और किडनैपिंग जैसे अन्य मामले मिलाकर कुल 65 मुक़दमे दर्ज हैं जिनमे 8 मामलों में उसे सजा सुनाई जा चुकी थी.
चुनाव पर पड़ेगा असर
खूंखार डॉन और माफिया मुख्तार अंसारी की मौत का असर लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है क्योंकि मुख्तार मऊ से 5 बार का विधायक भी रह चूका है. मुख्तार अंसारी की मौत से राजनीतिक ध्रुवीकरण हो सकता है. इसके दो नतीजे होंगे या तो एकतरफा भाजपा मऊ और गाजीपुर से जीत सकती है या मुसलमानो ने अगर भाजपा का विरोध कर दिया तो बाजी पलट भी सकती है. इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपराधी घोषित माफिया मुख्तार की मौत पर समाजवादी पार्टी की तरफ से यह ट्वीट किया गया
पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो।
विनम्र श्रद्धांजलि !
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) March 28, 2024