Lifestyle: दुनिया भर में ज्यादातर लोग वजन कम करने व फिट रहने के लिए डाइटिंग करना ही सही समझते हैं, वहीं कई लोग डाइटिंग के दौरान भूखे पेट रहना शुरू कर देते हैं। आपको बता दें कि, भूखे पेट रहने से आपका वजन कम हो या न हो लेकिन आपका शरीर कई प्रकार के रोगों से ग्रसित जरूर हो जाता है। जिससे आपकी फिजिकल हेल्थ के साथ ही आपकी मेंटल हेल्थ भी प्रभावित होती है। कुछ लोग आलस के कारण एक्सरसाइज नहीं कर पाते और वजन कम करने के लिए डाइटिंग को अपना लेते हैं क्यूंकि उनको यह एक आसान ऑप्शन नजर आता है, लेकिन यह बिलकुल सही नहीं है। लोगों की इसी मानसिकता को ख़त्म करने और उनमें जागरूकता फ़ैलाने के लिए हर साल International No Diet Day मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे मानाने की शुरुआत किसने और क्यों की थी :-

अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे को पहली बार साल 1992 में मनाया गया था। बता दें इसकी शुरुआत ब्रिटेन की महिला मैरी इवांस ने की थी। मैरी का उद्देश्य था कि लोग अपने बॉडी शेप को लेकर शर्मिंदा न हों और वे जैसे दिखते हैं, वैसे ही खुद को स्वीकार करें। तब से लेकर अब तक इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाता है।

नो डाइट डे 2024 का विषय और उद्देश्य :-

इंटरनेशनल नो डाइट डे, साल 2024 का विषय है “खुद को सराहें, डाइट कल्चर को नकारें (Embrace yourself: Reject Diet Culture, Love You)।” मतलब खुद को जैसे हैं वैसे स्वीकार करें। इस विषय के साथ इस बार अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे मनाया जा रहा है, जो कि लोगों में जागरूकता फ़ैलाने का भी काम कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय नो डाइट डे को मनाने का उद्देश्य है कि लोग एक दिन के लिए अपने खाने-पीने के सारे नियमों को तोड़कर अपने शौक को पूरा कर सकें। इस दिन खास दिन को चीट डे के तौर पर भी मनाया जाता है।

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