Delhi: कथित रूप से शराब नीति मांमले में जेल में मौजूद अरविन्द केजरीवाल की जमानत पर आज 10 मई को कोर्ट फैसला ले सकता है. आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल के वकीलों की कोर्ट में यह दलील है कि केजरीवाल एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं और उन्हें चुनाव के दौरान पार्टी के प्रचार प्रसार करने का अधिकार है. जबकि ED ने केजरीवाल के खिलाफ हलफनामे में कहा है कि, चुनाव प्रचार एक कैदी का न ही मौलिक अधिकार है और न ही संवैधानिक अधिकार। अरविन्द केजरीवाल को एक आम कैदी की तरह ही देखना चाहिए।

पिछली सुनवाई के दौरान भी ED की ओर से यह तथ्य दिया गया था कि कानून सबके लिए बराबर होने चाहिए। यदि कोई किसान जेल में सजा काट रहा है और उसी वक्त उसको फसल काटनी है तो फसल काटने के लिए उसे जमानत नहीं दी सकती। यदि किसी ख़ास इंसान के लुए कानून का इस प्रकार उल्लंघन होता है तो इससे समाज में एक गलत सन्देश जायेगा.

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दरअसल आम आदमी पार्टी को उनके स्टार प्रचारक और मुखिया की चुनाव प्रचार के लिए सख्त जरुरत है. इसके लिए आम आदमी पार्टी केजरीवाल की जमानत के लिए पूरा जोर लगाती नजर आ रही है और उन्हें उम्मीद है कि केजरीवाल को जमानत जरूर मिलेगी। आपको बताते चलें कि केजरीवाल जेल से बाहर आते ही दिल्ली की जिन 4 सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन में आप ने अपने उमीदवार उतारे हैं तथा हरियाणा की 1 लोकसभा सीट पर चुनाव प्रचार करते नजर आएंगे। इसके अलावा अरविन्द केजरीवाल पंजाब में भी चुनाव प्रचार करते नजर आ सकते हैं. पार्टी सूत्रों की माने तो पार्टी ऐसी भूमिका तैयार करने में लगी है कि अगर केजीरवाल बाहर आ जाते हैं तो चुनाव प्रचार के दौरान यह थीम रखी जाएगी कि केजरीवाल पर लगाए हुए आरोप साबित नहीं हो पाए और उन्हें रिहा कर दिया गया.

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