Ayodhya: राम मंदिर निर्माण को अभी 6 महीने भी नहीं पूरे हुए हैं और पहली ही बारिश में छत से पानी टपकने लगा है। इसकी पुष्टि खुद राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने की है। जिसके बाद राम मंदिर निर्माण समिति ने बैठक बुलाकर इस विषय पर चर्चा की। राम मंदिर की छत टपकने के सवाल पर जवाद देते हुए समिति के अध्यक्ष ने कहा की, निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह समस्या ख़तम हो जाएगी।

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समिति की बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि, हमने खुद ही गर्भगृह का निरीक्षण किया है। गुढी मंडप का काम अभी पूर्ण नहीं हुआ है। जब द्वितीय तल का काम पूरा होगा तो पानी आने की कोई गुंजाइश नहीं रह जाएगी। लोगों में एक भ्रम पैदा कर दिया गया है कि गर्भगृह में पानी भर गया है। ऐसा कुछ नहीं है। दिसंबर तक राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।

निर्माण कार्य में कोई कमी नहीं:-

उन्होंने आगे कहा कि, उच्चतम स्तर का निर्माण कराया जा रहा है। छत पर सुरक्षा की लेयर बनाई जा रही है। दो बार सीबीआरआई रुड़की के इंजीनियर अयोध्या के निर्माण कार्य को देखते हैं और इसका प्रमाण पत्र देते हैं कि निर्माण कार्य पूरी तरीके से सुरक्षित है। प्रथम तल पर बिजली के तार डाले जा रहे हैं उसके लिए पाइप लगाई गई है। कुछ पाइप खुली पड़ी है। अभी पाइप से होकर बारिश का पानी नीचे तक पहुंचा है। निर्माण कार्य में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं है।

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समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने यह भी बताया कि, मंडप में पानी निकालने के लिए एक परनाला भी बनाया गया है। सभी मंडप इस प्रकार बनाए गए हैं कि पानी नेचुरल रूप से ड्रेन होकर परनाले से निकल जाए। गर्भगृह में राम मंदिर में सभी को जल चढ़ाने की अनुमति नहीं है। गर्भगृह में रामलला के स्नान के बाद आए जल को कुंड में सुरक्षित रखा जाता है।

 

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