Sengol Controversy: 18वीं लोकसभा की शुरुआत के साथ ही सदन में सेंगोल को लेकर विवाद शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद से सेंगोल को हटाने की मांग की है जिसके बाद इस पर सियासत गरमाई हुई है. इस पर बसपा सुप्रीमों मायावती ने समाजवादी पार्टी को घेरा है. मायावती ने अपने आधिकारिक x पर ट्वीट करते हुए लिखा- 1. सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती।
1. सेंगोल को संसद में लगाना या नहीं, इस पर बोलने के साथ-साथ सपा के लिए यह बेहतर होता कि यह पार्टी देश के कमजोर एवं उपेक्षित वर्गों के हितों में तथा आम जनहित के मुद्दों को भी लेकर केन्द्र सरकार को घेरती।
— Mayawati (@Mayawati) June 28, 2024
दूसरे ट्वीट में लिखा- 2. जबकि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरूद्ध फैसले भी लेती है. इनके महापुरूषों की भी उपेक्षा करती है. इस पार्टी के सभी हथकण्डों से जरूर सावधान रहें.
मोहनलालगंज सांसद आरके चौधरी ने प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखी थी
आपको बता दें कि यूपी की मोहनलालगंज सीट से सपा सांसद आरके चौधरी ने प्रोटेम स्पीकर को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें उन्होंने संसद से सेंगोल का हटाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है जबकि हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है. सपा सांसद ने कहा कि संसद में सेंगोल की जगह देश के संविधान की कॉपी लगानी चाहिए.
2. जबकि सच्चाई यह है कि यह पार्टी अधिकांश ऐसे मुद्दों पर चुप ही रहती है तथा सरकार में आकर कमजोर वर्गों के विरूद्ध फैसले भी लेती है। इनके महापुरूषों की भी उपेक्षा करती है। इस पार्टी के सभी हथकण्डों से जरूर सावधान रहें।
— Mayawati (@Mayawati) June 28, 2024