UP: हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में एक सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक महिलाओं और बच्चों समेत 124 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। वहीँ इस भीषण घटना के बाद सत्संग करने पहुंचे भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि मौके से भाग कर अपने मैनपुरी आश्रम पहुंच गए। बताया जा रहा है कि, वह यहां पर अपने अनुयायियों के साथ मौजूद हैं।

कौन है भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि?
मिली जानकारी के मुताबिक, सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि बाबा बनाने से पहले यूपी पुलिस में अभिसूचना विभाग में सिपाही के रूप में तैनात थे और मूल रूप से कासगंज जिले के पटियाली तहसील क्षेत्र के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। हेड कांस्टेबल के पद पर प्रोन्नत होने के बाद उन्होंने पद पर रहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली और सत्संग व प्रवचन करना शुरू कर दिया।

हाथों से स्पर्श करके बीमारियां दूर करने का दावा:-
बताया जा रहा है कि, 1997 के बाद सूरजपाल उर्फ़ भोले बाबा की आध्यात्मिक यात्रा का प्रचार प्रसार तेजी से शुरू हुआ और लोग उन्हें भोले बाबा व उनकी पत्नी को माताश्री के रूप में जानने लगे। सूरजपाल उर्फ़ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। भोले बाबा अपने हाथों से स्पर्श करके बीमारियां दूर करने का दावा करने लगे। जिसके बाद चमत्कार के मोह में आकर लोग इनके दरबार में अपनी परेशानियां लेकर आने लगे और उनके अनुयायियों का कारवां लगातार बढ़ता गया।

कई जिलों में हैं बाबा के आश्रम:-

भक्तों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए इन्होंने बहादुर नगर गांव में ही अपना आश्रम बनवा लिया। यह उनका पैतृक गांव भी है। सिर्फ इतना ही नहीं बताया जाता है कि बहादुर नगर के अलावा आसपास के कई जिलों में भोले बाबा के आश्रम हैं। इसी तरह का एक आश्रम मैनपुरी जिले के विछवां थाना क्षेत्र में बना है। जहाँ हाथरस घटना के बाद बाबा पहुंचे हैं। भोले बाबा की मान्यता काफी समय से है। बाबा बाबा आश्रम में रहें या न रहें। लेकिन, उनके भक्त लगातार आश्रम पर आते हैं।

बिछवां आश्रम के समीप बस्ती में मौजूद पुलिस:-

मिली जानकारी के मुताबिक, हाथरस घटना के बाद बाबा वहां से भागकर मैनपुरी जिले के बिछवां थाना क्षेत्र में बने अपने आश्रम पर छुप गया है। पुलिस घटना के बाद से ही भोले बाबा से संपर्क करने की कोशिश कर रही है। लेकिन, उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। बिछवां आश्रम के आसपास के इलाके को पुलिस घेर रखा है। आश्रम में बड़ी संख्या में अनुयायियों के होने की भी पुलिस को आशंका है। किसी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह से तैयार है उसने आश्रम के पास दमकल की गाड़ी भी खड़ी कर दी है। साथ ही मुख्य मार्ग, आश्रम के बाहर मैदान से लेकर बस्ती तक पुलिस तैनात है। ताकि कोई ही कही से भी बचकर भाग न सके और किसी को किसी भी तरह की परेशानी का भी सामना न करना पड़े।

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