लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डा. देवेन्द्र शर्मा ने कहा है कि बच्चे देश की आत्मा हैं, इसलिए इन्हें नशे से मुक्त रखने के लिए तत्काल प्रहरी क्लब की स्थापना कर पूर्व में इसके लिए जारी दिशा निर्देशों के अनुसार कार्य करना सुनिश्चित किया जाय। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष आज आजमगढ़ जिले में पहुंचे, जहां जनपद के मण्डलायुक्त सभागार में मुख्यमन्त्री बाल सेवा योजना, पीकू वार्ड एवं बाल संरक्षण से जुड़ी योजनाओं से सम्बन्धित कार्यों की मण्डल स्तर पर बैठक कर समीक्षा की।

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इस बैठक में मंडल के मण्डलीय एवं तीनों जिले के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि ऐसे बच्चे जिनको संरक्षण देने वाला कोई नहीं है, उनका संरक्षण करना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने बैठक में बाल अधिकार संरक्षण से जुड़े मुख्य बिन्दुओं यथा नशा, बाल विवाह, बाल श्रम, बाल यौन शोषण, बाल भिक्षावृत्ति को विशेष रूप से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इस बार दीपावली पर हमारा संकल्प होगा कि ‘‘एक दिया नशे के विरुद्ध जलाना है, देश को नशामुक्त बनाना है। कहा कि चाइल्ड ट्रैफिकिंग के माध्यम से बाल भिक्षावृत्ति, बाल बन्धुआ मजदूरी जैसी अनेक कुरीतियों और बुराईयों को बढ़ावा मिलता है, इसलिए इसे रोकने के लिए हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए सजग रहकर इसे हर हालत में रोकना है। बच्चों को भिक्षावृत्ति से मुक्त कराकर उन्हें शिक्षा की ओर लाना है, इसलिए भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों का आश्रम पद्धति विद्यालया, कस्बूरबा गांधी बलिका विद्यालय, अटल आवासीय विद्यालय में दाखिला करायें। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी मंडल स्तर पर बैठके चल रही है, आज़मगढ़ हमारा 8वां मंडल था। इसके पूर्व हमने 75 जिले पूरे कर लिए है अब मंडल स्तर पर समीक्षा कर रहे है। इसके कारण कार्य मे गति बढ़ी है। सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए बाल आयोग बाल संरक्षण, बाल अधिकारों के प्रति काफी संवेदनशील है। इसी संवेदनशीलता के अंतर्गत हम इसे चाहेगें एक युद्ध नशे के विरुद्ध नारकोटिक्स विभाग और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग का जॉइंट एक्शन प्लान है। उसी प्लान के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में कार्य कर रहे है। महानगरों में हम गोष्ठियां कर रहे है। बाल विवाह को लेकर अधिकारियों को निर्देशित भी किया है। बाल श्रम पर हमने कड़ाई से निर्देशित किया है। 15 जून से 15 जुलाई तक हमारा अभियान चला, उसकी हमने मॉनिटरिंग की है। बाल भिक्षावृत्ति पर रोक लगा कर भिक्षा से शिक्षा की ओर हमारा अभियान है।

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