UP: कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर नाम प्रदर्शित करने को लेकर पूरे देश में बहस शुरू हो गई है। विपक्षी पार्टियों समेत NDA की कई सहयोगी दलों ने भी प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया है। वहीँ अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले को पूरी तरह से असंवैधानिक करार दिया है।
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बसपा सुप्रीमो ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कटे हुए कहा कि, यह धर्म विशेष के लोगों को आर्थिक तौर पर बायकाट करने का प्रयास है। जो कि अतिनिंदनीय है। यूपी व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कावंड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक।
यूपी व उत्तराखण्ड सरकार द्वारा कावंड़ मार्ग के व्यापारियों को अपनी-अपनी दुकानों पर मालिक व स्टाफ का पूरा नाम प्रमुखता से लिखने व मांस बिक्री पर भी रोक का यह चुनावी लाभ हेतु आदेश पूर्णतः असंवैधानिक। धर्म विशेष के लोगों का इस प्रकार से आर्थिक बायकाट करने का प्रयास अति-निन्दनीय।
— Mayawati (@Mayawati) July 19, 2024
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बतादें इससे अहले उन्होंने कल भी एक पोस्ट करते हुए सरकार के इस फैसले पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा था की, पश्चिमी यूपी व मुजफ्फरनगर जिला के कांवड़ यात्रा रूट में पड़ने वाले सभी होटल, ढाबा, ठेला आदि के दुकानदारों को मालिक का पूरा नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का नया सरकारी आदेश यह गलत परम्परा है जो सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगाड़ सकता है। जनहित में सरकार इसे तुरन्त वापस ले।
क्या है पूरा मामला:-
मालूम हो कि, यूपी में कांवड़ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री योगी ने एक आदेश देते हुए कहा है कि पूरे मार्गों पर खाने-पीने की दुकानों पर संचालकों-मालिकों का नाम और पहचान बतानी होगी। इसके अलावा हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि, कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है।