Lucknow: लखनऊ विश्वविद्यालय पर हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने दो लाख रुपये का हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने यह कार्रवाई स्नातक छात्रा का रिजल्ट घोषित करने में लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा की गई लापरवाही में की गई है। अदालत ने दो माह में विश्वविद्यालय से रकम की वसूली कर छात्रा को बतौर मुआवजा अदा करने का आदेश दिया है।
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मिली जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने यह फैसला वर्ष 2009 में बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा रहीं प्रियंका दुबे की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। अपनी याचिका में पीड़िता ने बताया कि, कुछ आरोपों को लेकर छात्रा का रिजल्ट रोक दिया गया और उसे उसकी तृतीय वर्ष की परीक्षा रद्द कर उनको 2014-15 की परीक्षा में शामिल होने का 15 नवंबर 2014 को आदेश दिया। जिसके बाद उसने हाईकोर्ट से न्याय की गुहार लगाई।
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न्यायमूर्ति आलोक माथुर की एकल पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि, यह मामला साफ तौर पर बताता है कि विश्वविद्यालय ने छात्रा के प्रति अड़ियल और उपेक्षापूर्ण रुख दिखाया।