लखनऊ: सरकारी नौकरियों की भर्ती परिक्षाओं में पेपर लीक के मामले को लेकर योगी सरकार नकेल कस रही है। मगर उसके अधिकारियों की मिलीभगत के चलते सरकार के प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। ऐसा ही एक मामला प्रयागराज रेलवे भर्ती बोर्ड में देखने को मिला। जहां डीजीसीई (जनरल डिपार्टमेंट कंपटीटिव एग्जाम) का पेपर लीक मामले की जांच में जुटी सीबीआई टीम ने राजस्थान औऱ यूपी में 11 ठिकानों पर छापेमारी की है। आपको बता दें कि सीबीआई की टीमों ने प्रयागराज, नोएडा, अलीगढ़, मथुरा, चित्रकूट और राजस्थान के जयपुर, भरतपुर, करौली, अलवर, सवाई, माधोपुर के साथ-साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की कार्रवाई की, जिसमें कई दस्तावेज बरामद किए हैं। जिसे लेकर टीम इस मामले की जांच-पड़ताल में जुटी हुई है।
11 रेलकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज रेलवे बोर्ड ने अपनी शिकायत में विजिलेंस जांच रिपोर्ट का हवाला दिया है। इस विजिलेंस जांच रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयागराज रेलवे भर्ती बोर्ड ने बीते 6 अगस्त 2021 को डीजीसीई की परीक्षा को आयोजित कराया था, जिसमें साफ तौर पर पेपर लीक करवाने की मंशा से 50 से 60 अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाया गया था, और प्रश्नों के उत्रर तक बताए गए थे, जिसकी भनक लगते ही मामले की जांच पड़ताल के बाद पेपर लीक करवाने के बदले पैसा लेने वाले 11 रेलकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसकों लेकर आज सीबीआई टीम ने छापेमारी की कार्रवाई की है।
लाखों युवाओं के भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़
हैरानी की बात तो ये है कि इन भर्ती परीक्षाओं में जिस तरह से धांधली हो रही है उसे देखकर तो जाहिर होता है कि इस मामले में लगाम लगता तो नहीं दिख रहा है, मगर ये जरूर नजर आ रहा है कि हजारों, लाखों युवाओं का सपना इस धांधली से चकना चूर होता नजर आ रहा है। दिन-रात मेहनत करने वाले युवाओं के भविष्य के साथ एक बड़ा खेल खेला जा रहा है। सिर्फ चंद पैसों की लालच के लिए, जिसे अधिकारी देख कर भी अंजान बैठे है। अब देखना ये होगा कि आखिर कब तक सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक का मामला यूं ही चलता रहेगा या फिर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों को सबक सिखाया जायेगा, ताकि फिर कभी कोई ऐसी हरकत करने से पहले दस बार इस सबक को याद करेगा।