दिल्ली: शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग औऱ भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई है। जिसके बाद उन्हें जेल से बाहर आता देख आप पार्टी और उनके परिजन खुशी के मारे झूम उठे।
आज़ादी की सुबह की पहली चाय….. 17 महीने बाद!
वह आज़ादी जो संविधान ने हम सब भारतीयों को जीने के अधिकार की गारंटी के रूप में दी है।
वह आज़ादी जो ईश्वर ने हमें सबके साथ खुली हवा में साँस लेने के लिए दी है। pic.twitter.com/rPxmlI0SWF
— Manish Sisodia (@msisodia) August 10, 2024
आपको बता दें मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आते ही सबसे पहले उन्होंने आप पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को संबोधित किया, और कहा आज आप सब की मेहनत ने हमें जेल से बाहर निकाल ही दिया। वहीं आज शनिवार की सुबह पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया एक्स पर एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि वो अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया के साथ चाय पीते नजर आ रहे है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि, आजादी की सुबह की पहली चाय….. 17 महीने बाद! वह आजादी जो संविधान ने हम सब भारतीयों को जीने के अधिकार की गारंटी के रूप में दी है। वह आजादी जो ईश्वर ने हमें सबके साथ खुली हवा में साँस लेने के लिए दी है।
कोर्ट ने जमानत के वक्त रखी ये बड़ी शर्तें
बताया जा रहा है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत देने के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी बात कही थी, जहां कोर्ट ने कहा था कि लाखों हजारों बच्चों का भविष्य बनाने वाले सिसोदिया एक सम्मानित व्यक्ति हैं, ऐसे में उनका देश से भागने की कोई आशंका नहीं लगती है। इतना ही नहीं कोर्ट ने अपने बयान में ये भी कहा कि सिसोदिया के खिलाफ जो भी सबूत मिले थे वो सब जांच के तौर पर जुटाए जा चुके हैं, ऐसे में उन्हें जमानत देने के बाद उनकों लेकर कोई डर वाली बात नहीं लगती है।
CBI-ED की मांग हुई खारिज
खुशी की बात तो ये है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत का फैसला सुनाने के बाद सीबीआई और ईडी का पक्ष रख रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने अरविंद केजरीवाल मामले की तरह ही शर्तें लगाने का अनुरोध किया था। जहां अपने अनुरोध में उन्होंने कहा कि आप नेता मनीष सिसोदिया पर ठीक उसी तरह सचिवालय जाने पर रोक लगाई जानी चाहिए जैसे सीएम केजरीवाल पर लगी थी। मगर इस बात को कोर्ट ने अपने सिरे से खारिज कर दिया। फिर क्या मनीष सिसोदिया को बिना किसी शर्तों के उन्हें आसानी से जमानत मिल गई। जिसके बाद वो जेल से हमेशा के लिए आजाद हो गए।