दिल्ली: हरियाणवी कलाकार सपना चौधरी अक्सर अपने डांस को लेकर चर्चाओं में रहती है। मगर इस बार वो डांस नहीं धोखाधड़ी मामले को लेकर चर्चाओं में छाई हुई है। बता दें तीस हजारी कोर्ट की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रश्मि गुप्ता ने मशहूर सपना चौधरी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। ये वारंट उस मामले मे जारी किया गया है, जिसमें सपना के खिलाफ हाईप्रोफाइल धोखाधड़ी मामले को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है।
सपना चौधरी पर लगा धोखाधड़ी का आरोप
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में सपना चौधरी के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाकर एक संयुक्त शिकायत दर्ज कराई गई थी। आपको बता दें सपना चौधरी का एक डांस कार्यक्रम था, जिसे उन्होंने रद्द करते हुए हजारों टिकटों का पैसा भी वापस नहीं किया, जिसका विरोध इस कदर बढ़ गया कि ये मामला कोर्ट जा पहुंचा। जिसको लेकर सपना चौधरी ने जारी गिरफ्तारी वारंट को निरस्त करने के लिए कोर्ट से गुहार भी लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने सपना की अर्जी को मंजूर करते हुए 20 हजार का निजी मुचलका दाखिल करने का आदेश दिया था।
वहीं इस मामले में सपना के साथ-साथ कई अभियुक्तों पर आरोप तय करने के मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई थी, लेकिन हैरानी की बात तो ये है कि इस सुनवाई के दौरान सपना कोर्ट में हाजिर नहीं हुई थी, जिसके चलते सपना की नियमित जमानत अर्जी सर्शत के आधार पर मंजूर की गई थी।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते 13 अक्टूबर, 2018 को रात्रि 10 बजे तक सपना समेत कई कलाकारों के कार्यक्रमों का आयोजन था। जिसके लिए तीन सौ रुपये में ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट बेचा गया था। इसी कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों टिकटे भी खरीदी गई थी, जिसको लेकर टिकट धारक कार्यक्रम स्थल पर मौजूद भी थे। लेकिन, काफी समय बीतने के बाद भी सपना चौधरी नहीं आईं, तो टिकट धारकों ने हगांमा कर दिया। हद तो तब हो गई जब टिकट धारकों को उनका पैसा तक वापस नहीं किया गया। इस भगदड़ को देख 14 अक्टूबर, 2018 को इस मामले को लेकर नामजद एफआईआर एसआइ फिरोज खान ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी।