धर्म कर्म: जीवात्मा को सतलोक जयगुरुदेव धाम ले चलने वाले, इस समय के महापुरुष, दुःखहर्ता, पूरे समरथ सन्त सतगुरु, उज्जैन के बाबा उमाकान्त जी महाराज ने जन्माष्टमी सतसंग कार्यक्रम में बावल, रेवाड़ी स्थित आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित सन्देश में बताया कि आज बहुत जोरों से जन्माष्टमी का त्योहार देश, विदेश में मनाया जा रहा है। त्योहारों के दिन बुराइयों को छोड़ते हैं और अच्छी चीज को अपनाते हैं, अच्छे चीज का संकल्प बनाते हैं। आज संकल्प बनाओ की सतसंग से जो हमने सीखा, चमत्कार हुआ, उसको लोगों को बताएंगे।

कृष्ण ने कहा मुक्ति मोक्ष पाने के लिए सन्त सतगुरु को खोजो

24 घंटे साथ रहने वाले पांडवों को दो टूक जवाब दिया की मुक्ति मोक्ष पाने के लिए सन्त सतगुरु को खोजो, उनसे रास्ता लेकर, उनकी बताई साधना करो। मेरा काम दूसरा है। धर्म की स्थापना का काम हो गया, अब मैं जाऊंगा। आप के लोक भी नहीं ले चले। गीता के चौथे स्कन्ध के चौतिसवे श्लोक में कहा है कि मुक्ति मोक्ष पाने के लिए वक़्त के सन्त सतगुरु को खोजो।

अगली जन्माष्टमी तक काम पूरा कर लो

जिनको नामदान मिल गया है लग कर भजन करो और अगली जन्माष्टमी तक अपनी आत्मा का काम पूरा कर लो। मौत, बिक्री, पाहुना (मेहमान) क्या पता कब आ जाये। इसलिए एक साल का मत सोचो, जल्दी काम पूरा करने का सोचो।

आज संकल्प बनाओ की सतसंग से जो हमने सीखा, चमत्कार अनुभव हुआ, उसको लोगों को बताएंगे

लोगों को बताओ, समझाओ ताकि वो बुराइयों से अलग होकर अच्छाई को ग्रहण करें। गुरु महाराज का नाम और काम दुनिया में बढ़ाना है, दुनिया वालों को बताना है। जयगुरुदेव नाम प्रभु का नाम है, मददगार है, मुसीबत में रक्षक है, भक्षकों से बचाने वाला है, इसके बारे में बताओ।

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